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अनंतनाग में आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों ने तेज किया तलाशी अभियान


श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के वन क्षेत्र में आतंक विरोधी अभियान सोमवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। जम्मू कश्मीर में हो रहे आतंकी हमलों के बीच सुरक्षाबलों ने आतंकियों के सफाए के लिए सर्च अभियान का विस्तार किया है।

मुठभेड़ में दो सैनिक समेत तीन लोगों की गई थी जान

अनंतनाग जिले के अहलान गगरमांडू के सुदूर जंगल में आतंकियों की मौजूदगी का संकेत देने वाली खुफिया रिपोर्टों के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा शुरू किए गए घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान गोलीबारी शुरू हुई थी। आतंकियों से मुठभेड़ में छह सैन्यकर्मी और दो नागरिक घायल हो गए थे।

घायल जवानों को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने के कुछ समय बाद हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा ने दम तोड़ दिया था। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने अहलान गगरमांडू वन क्षेत्र में आतंकियों को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है।

पिछले साल सितंबर में हुए ऑपरेशन की याद दिलाती है ये घटना

यह मुठभेड़ पिछले साल सितंबर में कोकरनाग के सामान्य क्षेत्र में हुए इसी तरह के ऑपरेशन की याद दिलाती है, जिसमें कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और डिप्टी एसपी हुमायूं भट समेत चार सुरक्षाकर्मी आतंकियों के साथ एक सप्ताह तक चली मुठभेड़ में मारे गए थे। उस ऑपरेशन के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक वरिष्ठ कमांडर समेत दो आतंकियों को भी मार गिराया गया था।

रक्षा प्रवक्ता ने ऑपरेशन का ब्यौरा देते हुए कही ये बात

15 जुलाई को डोडा जिले में हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने कोकरनाग के जंगलों में अपने तलाशी तेज कर दिए हैं। इस मुठभेड़ में एक कैप्टन समेत चार सैनिक मारे गए थे।

माना जा रहा है कि अनंतनाग की हालिया घटना में शामिल आतंकी डोडा में मुठभेड़ से बचकर किश्तवाड़ जिले से आए होंगे।

इस ऑपरेशन का ब्यौरा देते हुए श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि 5 अगस्त को मानवीय और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पुष्टि हुई कि जुलाई में डोडा क्षेत्र में अत्याचारों के लिए जिम्मेदार आतंकवादी किश्तवाड़ रेंज को पार कर दक्षिण कश्मीर के कापरान-गरोल क्षेत्र में घुस आए हैं।