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अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी के बाद 180 मीडिया संस्‍थान हुए बंद,


काबुल, । अफगानिस्‍तान में तालिबान की सत्‍ता में वापसी के बाद बीते सात महीनों में 475 में से 180 मीडिया संस्‍थान बंद कर दिए गए हैं। अफगानिस्तान के नेशनल हाउस आफ जर्नलिस्ट्स (Afghanistan’s National House of Journalists) ने अपने नवीनतम सर्वे में कहा है कि तालिबान के सत्‍ता में आने के बाद अफगान मीडिया संस्‍थान सबसे ज्‍यादा प्रभावित हुए हैं। खामा प्रेस ने बताया कि मौजूदा वक्‍त में अफगानिस्‍तान में केवल 290 मीडिया आउटलेट सक्रिय हैं।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (Reporters Without Borders, RSF) और अफगान इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (Afghan Independent Journalists Association, AIJA) की ओर जारी सर्वे में कहा गया है कि लगभग 43 फीसद अफगान मीडिया संस्‍थानों ने अपना संचालन बंद कर दिया है। इससे लगभग 60 फीसद पत्रकार बेरोजगार हो गए हैं।

अफागानिस्‍तान के नेशनल हाउस आफ जर्नलिस्‍ट सईद यासीन मतीन (Sayed Yaseen Mateen) ने कहा कि इन मीडिया संस्‍थानों के बंद होने के पीछे मुल्‍क में गहराया आर्थिक संकट और पेशेवर मीडिया कर्मियों का पलायन जिम्‍मेदार है। खामा प्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मीडिया संस्‍थानों को विदेशी मदद भी मिलनी बंद हो गई है। यही नहीं मुल्‍क में जानकारी तक पहुंच नहीं हो पाने से भी मीडिया के कारोबार पर असर पड़ा है।

हालांकि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार हमेशा ऐसी रिपोर्टों का खंडन करती रही है। मीडिया संस्‍थानों के लिए दानदाताओं के दरवाजे भी बंद हो गए हैं। उन्‍होंने प्रतिबंध‍ित मीडिया संस्‍थानों और पत्रकारों को आर्थिक मदद करने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से मानवाधिकारों की स्थिति भी खराब हो गई है। भले ही मुल्‍क में युद्ध बंद हो गया हो लेकिन मानवाधिकारों के हनन की घटनाएं लगातार हो रही हैं।