नई दिल्ली, । अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी और वैश्विक बैंकिंग प्रणाली की वजह से भारतीय शेयर बाजार में भी इसका असर देखने को मिला। गुरुवार को को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 205.24 अंक या 0.36 प्रतिशत गिरकर 57,350.66 अंक पर आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी 78.45 अंक या 0.46 प्रतिशत गिरकर 16,893.70 अंक पर आ गया। सेंसेक्स पैक में, 20 कंपनियों में गिरावट आई और निफ्टी से 30 शेयरों ने लाल रंग के निशान के साथ कारीबर शुरू किया।
बुधवार को सेंसेक्स 344 अंक अंक या 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,555.90 पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई निफ्टी 71.15 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,972.15 पर बंद हुआ था।
विदेशी बाजारों का हाल
नकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच गुरुवार को हांगकांग और जापान समेत एशियाई बाजारों में गिरावट रही। स्विस ऋणदाता क्रेडिट सुइस के वित्तीय चिंताओं के मद्देनजर यूरोपीय शेयरों को भारी नुकसान हुआ। बता दें कि बुधवार को स्विस अधिकारियों ने कहा कि क्रेडिट सुइस महत्वपूर्ण बैंकों पर लगाए गए पूंजी और तरलता आवश्यकताओं को पूरा करता है और स्विट्जरलैंड का केंद्रीय बैंक ऋणदाता को अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगा।
वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पिछले पांच लगातार कारोबारी सत्रों से भारतीय इक्विटी बाजार में शुद्ध विक्रेता बने हुए हैं।
रुपया फिर फिसला
घरेलू और वैश्विक इक्विटी बाजारों में नकारात्मक रुख और विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने के बीच बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे गिरकर 82.75 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा में, घरेलू इकाई अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.77 पर कमजोर खुली और 82.80 और 82.71 की सीमा में कारोबार किया। बाद में, घरेलू इकाई 10 पैसे की गिरावट दर्ज करते हुए ग्रीनबैक के मुकाबले 82.75 पर कारोबार कर रही थी।
बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 25 पैसे गिरकर 82.62 पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा में, घरेलू इकाई डॉलर के मुकाबले 82.32 पर मजबूत खुली और 82.30 और 82.62 की सीमा में कारोबार किया।