वाशिंगटन । अमेरिका में लगातार बढ़ते कोरोना और इसके नए वैरिएंट ओमिक्रोन बढ़ते मामलेां ने यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था को चरमरा कर रख दिया है। आलम ये है कि यहां पर अस्पताल में भर्ती मरीजों को देखने के लिए भी स्वास्थ्यकर्मियों की कमी देखी जा रही है। कर्मचारियों की कमी का असर सीधेतौर पर मरीजों के इलाज पर पड़ने लगा है। इस कमी की वजह से आम आदमी से लेकर सरकार तक सभी परेशान हैं।
अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ं इस संबंध में बेहद डराने और परेशान करने वाले हैं। इसमें कहा गया है कि देश के करीब 19 प्रांतों में 15 फीसद से कम आइसीयू बेड खाली हैं। वहीं केंचुकी, अल्बामा, इंडियाना और न्यू हैम्पशायर में हालात इस कदर खराब हैं कि यहां के अस्पतालों में दस फीसद से भी कम आइसीयू बेड खाली हैं। इसका अर्थ है कि यहां पर कोरोना के बढ़ते मरीजों की तादाद से हालात चिंताजनक हो चुके हैं। जानकार इसको अमेरिका में कोरोना की सुनामी करार दे चुके हैं।
आपको बता दें कि कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक ये पहली बार हुआ है कि अमेरिका में रिकार्ड तोड़ मरीज सामने आ रहे हैं। यहां पर दो बार नए कोरोना मामलों की संख्या दस लाख तक को पार कर गई है, जो विश्व में सर्वाधिक है। संक्रमण के बढ़ते दायरे की वजह से अब अस्पताल में काम करने वालों के संक्रमित होने का खतरा अधिक हो गया है। बढ़ते कोरोना मामलों के चलते वाशिंगटन के मेयर को ये कहना पड़ा है कि अस्तपाल फिलहाल दूसरे मरीजों को देखने पर रोक लगा दें और कोरोना मरीजों पर ही पूरा फोकस करें।
कोरोना का कहर केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है बल्कि रूस और यूरोप के दूसरे देश भी इसकी चपेट में गंभीर रूप से आ चुके हैं। रूस में कोरोना के नए मामले और इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। यहां पर कुल संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ सात लाख को पार कर गया है और अब तक 3.19 लाख मरीजों की जान भी जा चुकी है। रूस की उप प्रधानमंत्री तातियाना गोलिकोवा के मुताबिक देश की राजधानी मास्को इससे सबसे अधिक प्रभावित है। देशभर में आने वाले कुल मामलों में से आधे केवल यहींं से मिल रहे हैं।