News TOP STORIES उत्तर प्रदेश नयी दिल्ली राष्ट्रीय लखनऊ

अयोग्यता के खिलाफ सपा नेता आजम खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और चुनाव आयोग से मांगा जवाब


नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की एक याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की उत्तर प्रदेश विधानसभा से सदस्यता खत्म होने पर वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। हाल ही में नफरती भाषण के चलते आजम को तीन साल की सजा के साथ ही विधानसभा की सदस्यता भी रद की कर दी गई। रामपुर कोर्ट ने आजम खान पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसी के चलते उन्होंने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद से खान की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। साथ ही उनकी याचिका को चुनाव आयोग के स्थायी वकील पर तामील करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने वकील गरिमा प्रसाद से कहा कि उसे अयोग्य घोषित करने की इतनी जल्दी क्या थी? कम से कम आपको उन्हें सांस लेने की जगह देनी चाहिए थी।

2019 में दिया था आजम खान ने नफरती भाषण

आजम खान ने साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। आजम खान के इसी भाषण को लेकर उनपर कार्रवाई की गई।

jagran

बेटे अब्दुल्ला आजम खान की अयोग्यता बरकरार

वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को आधिकारिक रिकॉर्ड में उनकी जन्मतिथि में गड़बड़ी के कारण अयोग्य घोषित किया गया था। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने यह आदेश पारित किया।

चुनाव लड़ने के दौरान संविधान के अनुच्छेद 173 (बी) के तहत निर्धारित 25 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं करने के लिए तत्कालीन विधायक (MLA) अब्दुल्ला आजम खान को अयोग्य घोषित करने के उच्च न्यायालय के आदेश से अपील की गई।

चुनावी हलफनामें में खुद को अपनी उम्र से दिखाया था बड़ा

एक नवाब काजम अली खान ने 2019 में उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे ने अपने चुनावी हलफनामे में खुद को अपनी उम्र से बड़ा दिखाया था।

अब्दुल्ला खान का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया था कि उच्च न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ता ने आरोप को साबित करने के अपने प्रारंभिक बोझ का निर्वहन नहीं किया था, जो रिकॉर्ड पर सबूत रखकर किया जा सकता था।