नई दिल्ली, । एक अप्रैल से कई नियमों में बदलाव हो गया है। इसमें सोने की खरीद और बिक्री से जुड़ा नियम भी शामिल है। नए नियम के बाद बिना हॉलमॉर्क वाली कोई भी ज्वेलरी बाजार में बाजार में नहीं बेची जा सकेगी। इसके साथ आज से छह अंकों वाला हॉलमार्क नियम भी लागू हो गया है। आइए जानते हैं कि नए नियम का लोगों पर क्या असर होगा।
बिना हॉलमार्क नहीं मिलेगा सोना
नए नियम के बाद अब कोई दुकानदार बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच पाएगा। ऐसा करने पर उस पर जुर्माने लग सकता है। हॉलमार्क एक अल्फान्यूमेरिक कोड होता है, जो कि हर ज्वेलरी पर अलग होता है।
आम लोगों को क्या फायदा होगा
इससे लोगों के साथ घोटाला या फिर धोखाधड़ी होने की संभावना कम हो जाएगी। हॉलमार्क के साथ लिखा होगा कि ज्वेलरी में सोना कितने कैरेट का लगा हुआ है। इस यूनिक कोड के माध्यम से ज्वेलरी को ट्रेस करना आसान होगा।
नया हॉलमार्क
सरकार की ओर से 2021 में छह अंकों का हॉलमार्क नंबर लाया गया था। इसके बाद से बाजार में पुराना वाला और नया हॉलमार्क दोनों चल रहे थे। नया हॉलमार्क पुराने की अपेक्षा अधिक सेफ होने के कारण अनिवार्य कर दिया गया है।
सोने के बिस्किट और सिक्कों पर होगा लागू
सोने से बनी ज्वेलरी पर ही नहीं नया हॉलमार्क सोने के बिस्किट और सिक्कों के लिए भी जारी होंगे। नए हॉलमार्क का उद्देश्य की सोने की प्रमाणिकता बताना है।
पुराने सोने का क्या होगा?
अगर आपके आप पुराना सोना है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि पुराने हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ग्राहक आसानी से बेच सकते हैं।