मुंबई, । महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने वीरवार को ट्वीट में लिखा कि कोरोना के नए वैरिएंट एक्सई पाए जाने वाला व्यक्ति ठीक है, उसके संपर्क में आने वाले लोग कोरोना निगेटिव हैं। सैंपल की जांच के लिए एनआइबीएमजी में नमूने भेजे गए हैं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे घबराए नहींं। इस बीच, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि कोरोना के एन वैरिएंट एक्सई के बारे में पुष्टि के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) अधिकृत संस्थान है। हमने सैंपल भेजे हैं, अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। एक्सई वैरिएंट में संक्रमण 10 फीसद तेजी से फैलता है, इसके अलावा घबराने की कोई बात नहीं है। इधर, भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1033 नए मामले आए हैं। 1222 लोग डिस्चार्ज हुए हैं और 43 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामले 11639 0.03 फीसद हैं।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट के सब वैरिएंट एक्सई की एंट्री हो गई है। मुंबई में बुधवार को एक्सई का पहला मामला पाया गया। संक्रमित व्यक्ति की हालत गंभीर नहीं है। सरकारी सूत्रों ने देश में एक्सई का मामला पाए जाने की मीडिया रिपोर्ट को गलत बताया है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि नमूने की फास्ट क्यू फाइल, जिसे एक्सई वैरिएंट कहा जा रहा है, का विश्लेषण इंसाकाग (इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम) द्वारा किया गया था, जिसमें यह अनुमान लगाया गया कि इस वैरिएंट की जीनोमिक बनावट एक्सई की जीनोमिक बनावट से मेल नहीं खाती है। इसलिए मौजूद साक्ष्य इसके एक्सई वैरिएंट होने की पुष्टि नहीं करते हैं।
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि सीरो सर्वे के दौरान महानगर में कप्पा का भी एक मामला पाया गया है। बीएमसी के कस्तूरबा अस्पताल के जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में 11वें बैच में 376 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई गई थी, जिनके नतीजे आने के बाद यह जानकारी मिली। सर्वे में मुंबई के 230 नमूनों में से 228 में ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया है जो 99.13 प्रतिशत है। अधिकारी ने बताया कि एक्सई सब वैरिएंट को ओमिक्रोन के ही बीए.2 सब वैरिएंट की तुलना में 9.8 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। अभी तक कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट में बीए.2 को सबसे ज्यादा संक्रामक पाया गया था। एक्सई ओमिक्रोन के बीए.1 और बीए.2 सब वैरिएंट में म्यूटेशन से बना है। इसे स्टील्थ वैरिएंट भी कहा जा रहा है, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे पहले के वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक बताया है।