प्रयागराज। आगजनी मामले में जेल में बंद कानपुर के पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी व अन्य की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित कर लिया है। राज्य सरकार की तरफ से दलील पूरी हो गई। न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेन्द्र सिंह ( प्रथम) की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई चल रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर के पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी और अन्य की जमानत अर्जी पर आदेश सुरक्षित कर लिया है। जाजमऊ थाने में दर्ज आगजनी के मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट कानपुर नगर ने पूर्व विधायक समेत पांच लोगों को सात साल की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ पूर्व विधायक ने हाई कोर्ट में अपील दायर की है।
जाजमऊ थाने दर्ज कराई गई आगजनी की प्राथमिकी के मद्देनजर एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट कानपुर नगर ने पूर्व विधायक समेत पांच लोगों को सात साल कैद की सजा सुनाई है। सजा से इरफान की विधायकी खत्म हो गई। इस सजा के खिलाफ पूर्व विधायक ने हाई कोर्ट में अपील दायर की है तथा अपील लंबित रहने तक जमानत पर रिहाई की मांग की है।
राज्य सरकार की अपील
राज्य सरकार ने सजा को उम्र कैद में तब्दील करने के लिए अपील दायर की है। बचाव पक्ष ने वादी मुकदमा नज़ीर फातिमा के बयानों में विरोधाभास का दावा करते हुए कहा है कि राजनीतिक रंजिश के कारण झूठे मुकदमे में फंसाया गया है जबकि राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि इरफान घटना के समय मौके पर मौजूद थे। पूर्व विधायक इस समय महराजगंज जेल में बंद हैं।