नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट चुनावों में मतदान के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई पर विचार के लिए राजी हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के एक प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए अपनी सहमति दी। इस अधिनियम के तहत देश में मतदान के लिए बैलेट पेपर के बजाय ईवीएम की शुरुआत हुई थी।
वकील एमएल शर्मा ने दायर की है याचिका
ये याचिका वकील एमएल शर्मा ने दायर की है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील एमएल शर्मा की दलीलें सुनीं। बेंच ने कहा कि कि वह मामले को सूचीबद्ध करने पर विचार करेंगे।
क्या हैं याचिकाकर्ता की दलीलें?
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61(a) को चुनौती दी है। इस अधिनियम में बैलेट पेपर की जगह ईवीएम से मतदान कराए जाने का प्रावधान किया गया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि इस प्रावधान को अब तक संसद से मंजूरी नहीं मिली है. इसीलिए इसे लागू नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि देश में पांच राज्यों यूपी, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं। यूपी में सात चरणों में चुनाव होंगे। यूपी में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की शुरुआत 10 फरवरी को होगी। उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान होगा जबकि पंजाब में 20 फरवरी को वोटिंग होगी। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। उसी दिन चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।