राष्ट्रीय

किसानों, पशुपालकों व डेयरी संघ पदाधिकारियों से सीएम ने किया संवाद


जयपुर। राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 10 फरवरी से शुरू होगा। बजट 2021 में राजस्थान सीएम अशोक गहलोत किसानों को कई सौगात दे सकते हैं। गहलोत सरकार ने बजट 2021 के लिए सभी वर्गों से सुझाव भी लिए हैं। इधर, सीएम गहलोत ने कहा कृषि, पशुपालन एवं इससे जुड़े क्षेत्रों का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं पानी की कमी के बावजूद किसानों ने अपनी मेहनत से कृषि के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी पायदान पर रखने का सार्थक प्रयास किया है। हमारा प्रयास है कि बजट में ऐसे प्रावधान करें, जिससे राज्य के किसानों तथा पशुपालकों की आय बढ़े और वे खुशहाल हों।

मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ के पदाधिकारियों एवं जनजाति क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कृषि और डेयरी विकास की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। तकनीक और नवाचारों के माध्यम से इन क्षेत्रों का तेजी से विकास किया जा सकता है। प्रगतिशील किसान और पशुपालकों के सुझाव इसमें महत्वपूर्ण होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और पशुपालकों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। इसके लिए हमने विगत दो सालों में कई अहम फैसले लिए हैं, जो कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करीब 55 लाख किसानों को लगभग 8 हजार करोड़ रूपए के बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है। वर्ष 2020-21 में एक करोड़ 8 लाख किसानों का फसल बीमा किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 24 लाख अधिक है।

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कृषि उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ‘राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019’ लागू की है। यह नीति किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। किसान इन नीति का लाभ लेकर कृषि उद्योगों एवं निर्यात की तरफ कदम बढ़ाएं। राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को खाद एवं बीज की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही टिड्डी दल की समस्या का भी सफलतापूर्वक सामना किया। कृषि विभाग एवं टिड्डी चेतावनी संगठन ने किसानों के साथ मिलकर 5 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया. कोविड-19 (COVID-19) के कठिन दौर में आदिवासी क्षेत्रों के किसानों को मक्का और बाजरा के बीज का निशुल्क वितरण किया गया।

इसके साथ ही, किसानों को कृषि उपकरणों की निःशुल्क सेवा उपलब्ध कराई गई। हमारी सरकार ने न केवल प्रदेशवासियों के लिए निःशुल्क दवा और जांच की व्यवस्था की, बल्कि मूक पशुओं के लिए भी ‘मुख्यमंत्री निःशुल्क पशुधन दवा योजना’ लागू की। योजना में दवाओं की संख्या भी बढ़ाई गई है।

प्रदेश में पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए राज्य सरकार बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दे रही है। किसान इन पद्धतियों का अधिकाधिक उपयोग कर अपना उत्पादन बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने खेतों में सोलर पैनल लगाकर किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना लागू की थी। हम योजना को और आगे बढ़ाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में चल रहा किसानों का आंदोलन चिंता का विषय है। हमारी सरकार ने उनके हितों का संरक्षण करने के लिए राज्य विधानसभा में तीन कृषि कानून पारित किए हैं। केंद्र सरकार को किसानों की पीड़ा समझकर उनका मान-सम्मान रखते हुए जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए।

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि किसानों ने अपने अथक परिश्रम से हमेशा ही प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाया है। कोविड के चुनौतीपूर्ण दौर में भी उन्होंने राज्य सरकार का पूरा सहयोग किया। हमारी सरकार उनकी तरक्की में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के युवा और प्रगतिशील किसान नवीन तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा दें।