यह निर्देश यूनिवर्सल सर्विसेज आब्लिगेशन (सभी को समान तौर पर सेवा देने की बाध्यता) नियम के तहत उठाया गया है जो अब तक पूर्वोत्तर क्षेत्र के पेट्रोल पंपों के लिए खास तौर पर लागू किया जाता था। इसका असर निजी क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर इसलिए होगा कि वो अब वो कम उपलब्धता का बहाना नहीं बना सकेंगी।
हर पेट्रोल पंप पर सुनिश्चित करनी होगी पेट्रोल-डीजल की उपलब्धता
सरकार का आकलन है कि इस नियम से जल्द ही देश में 2500 से ज्यादा निजी पेट्रोल पंप काम करना शुरू कर देंगे जिससे पेट्रोलियम उत्पादों की उपलब्धता बढ़ेगी। यह और बात है कि निजी पेट्रोल पंप पर यह महंगा होगा। सरकारी कंपनियां जैसे आइओसी, एचपीसीएल व बीपीसीएल पर निजी पंप के मुकाबले पेट्रोल-डीजल 10 -25 रुपये तक सस्ता है।
कीमत में इतना ज्यादा अंतर होने की वजह से निजी पेट्रोल पंप पर ग्राहक नहीं जा रहे। साथ ही ये निजी कंपनियां घरेलू खुदरा बाजार को लेकर अभी बहुत उत्साहित भी नहीं है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय हालात की वजह से इन उत्पादों को निर्यात करने में ज्यादा मुनाफा हो रहा है। सरकार की कोशिश है कि महंगी होने के बावजूद उपलब्धता बरकार रहे।