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केरल में नया सियासी बवाल, टीपी चंद्रशेखरन के तीन हत्यारों को रिहा करेगी सरकार! कांग्रेस ने माकपा को घेरा


एर्नाकुलम (केरल)। केरल में पूर्व सीपीएम नेता टीपी चंद्रशेखरन के तीन हत्यारों को रिहा करने के आदेश पर सियासी बवाल बच गया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर केरल की माकपा सरकार पर निशाना साधा।

हत्याकांड के दोषियों को विशेष छूट देने के फैसले पर कांग्रेस सांसद शफी परमबिल ने माकपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यह अदालत के आदेश के बावजूद सरकार ने यह फैसला लिया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को भी इस फैसले के बारे में अच्छी तरह से जानकारी है।

जेल अधीक्षक खुद नहीं ले सकते फैसला

परमबिल ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की जानकारी में दिया गया निर्देश है। जेल अधीक्षक खुद फैसला नहीं ले सकते हैं। अभी तक इस सूची को रद्द भी नहीं किया गया है। यह न्यायालय के आदेश को चुनौती है। हम इसे राजनीतिक और कानूनी दोनों तरह से लेंगे।

किस सुधारात्मक उपायों की बात कर रही माकपा

परमबिल ने कहा, “माकपा किस तरह के सुधारात्मक उपायों की बात कर रही है? वे अदालत के आदेश को सही करने की कोशिश कर रहे हैं। उच्च न्यायालय का एक बहुत ही मजबूत फैसला है जिसमें ट्रायल कोर्ट के आदेश को सही ढंग से उद्धृत किया है कि टीपी हत्याकांड के किसी भी अपराधी को 20 साल तक कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए।”

‘माकपा हत्यारों के साथ खड़ी’

वडकारा से कांग्रेस सांसद शफी परमबिल ने कहा, “जेल अधीक्षक ने 56 लोगों की सूची तैयार की है। इनमें से तीन नाम वो हैं, जिन्हें अदालत ने खुद ही कोई छूट नहीं देने की बात कही। वे (माकपा) इन दोषियों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी पार्टी अब भी उनके पीछे खड़ी है। सरकार उन्हें बचाने के लिए कुछ भी करेगी, यहां तक ​​कि कानून से बाहर भी।”

13 जून को भेजा गया पत्र

केरल के गृह विभाग ने रिहा किए जाने वाले कैदियों की सूची तैयार की है। कन्नूर जेल अधीक्षक ने कन्नूर शहर के पुलिस आयुक्त से भी रिपोर्ट मांगी है। 13 जून को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि टीपी चंद्रशेखरन हत्याकांड के तीन दोषियों को रिहा करने का प्राथमिक प्रस्ताव है।

यह है मामला

केरल के कोझिकोड जिले के ओंचियाम में टीपी चंद्रशेखरन ने 2009 में माकपा को छोड़कर अपनी नई पार्टी रिवोल्यूशनरी मार्क्सिस्ट पार्टी का गठन किया था। उनकी पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनाव में काफी सीटों पर जीत दर्ज की। इसके बाद चार मई 2012 को टीपी चंद्रशेखरन की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में 15 माकपा कार्यकर्ताओं को दोषी पाया गया था। अब इनमें से तीन हत्यारों के नाम रिहा सूची में शामिल हैं।