- नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोविड प्रबंधन मामले के लिए कल वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था. आज हरीश साल्वे ने इस मामले से हटने का अनुरोध किया है. साल्वे ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि मामले में फैसले के पीछे यह कहा जाए कि मैं चीफ जस्टिस को जानता हूं.”
हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में कोविड संबंधित मामले में न्याय मित्र बनाए जाने पर कुछ वकीलों द्वारा आलोचना किए जाने का जिक्र किया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हमें भी यह जानकर बहुत तकलीफ हो रही है कि कोविड संबंधित मामले में साल्वे को न्याय मित्र नियुक्त करने पर कुछ वकील क्या कह रहे हैं.” इसके बाद कोर्ट ने हरीश साल्वे को कोविड-19 पर राष्ट्रीय योजना संबंधित स्वत: संज्ञान के मामले में न्याय मित्र के तौर पर हटने की अनुमति दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश पढ़े बिना टिप्पणी करने के लिए कुछ वरिष्ठ वकीलों को फटकार लगाई और कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट से मामलों को अपने पास नहीं भेजा है.
क्या है कोविड प्रबंधन मामला
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कोविड प्रबंधन का संज्ञान लिया और ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकारण को लेकर केंद्र से राष्ट्रीय योजना के बारे में पूछा था. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था, “हम इस मुद्दे पर एक राष्ट्रीय योजना देखना चाहते हैं.” साथ ही पीठ ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया था.
पीठ ने कहा, “हम चार मुद्दों के संबंध में जानना चाहते हैं ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण का तरीका, विधि और हम राज्यों के साथ लॉकडाउन की घोषणा करने की शक्ति रखना चाहते हैं.”