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कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के हावी होने की बढ़ी आशंका, 85 देशों में सामने आए मामले


  1. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना के डेल्टा वैरेंट दुनियाभर के 85 देशों में मिला है. वहीं, जापान के एक अध्ययन में भी पाया गया कि डेल्टा वैरिएंट अल्फा वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह किया है कि अगर मौजूदा चलन जारी रहता है तो कोविड-19 के सबसे अधिक संक्रामक प्रकार डेल्टा के अन्य वैरिएंटों के मुकाबले हावी होने की आशंका है. डब्ल्यूएचओ की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब 85 देशों में इस वैरिएंट के मिलने की पुष्टि हुई है और दुनिया के अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आते जा रहे हैं. डब्ल्यूएचओ की ओर से 22 जून को जारी कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर, अल्फा वैरेंट 170 देशों, क्षेत्रों या इलाकों में मिला है, बीटा वैरिएंट 119 देशों में, गामा वैरिएंट 71 देशों में और डेल्टा वैरिएंट का 85 देशों में पता चला है.

अपडेट में कहा गया, “डेल्टा, दुनिया भर के 85 देशों में मिला है, डब्ल्यूएचओ के अंतर्गत सभी क्षेत्रों के अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आने का चलन जारी है, जिनमें से 11 क्षेत्रों में ये पिछले दो हफ्तों में सामने आए.” डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चार मौजूदा ‘चिंताजनक वैरिएंट’ – अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा पर करीब से नजर रखी जा रही है जो बड़े पैमाने पर फैले हुए हैं और डब्ल्यूएचओ के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्रों में उनका पता चला है. इसने कहा, “डेल्टा वैरिएंट अल्फा वैरिएंट से कहीं ज्यादा संक्रामक है और अगर मौजूदा चलन जारी रहता है तो इसके अधिक हावी होने की आशंका है.” अपडेट में बताया गया कि पिछले हफ्ते (14 जून से 20 जून) कोविड के नये मामले सबसे अधिक 4,41,976 भारत से सामने आए. यह उससे पिछले हफ्ते की तुलना में 30 प्रतिशत कम हैं. मौत के सर्वाधिक मामले भी भारत से ही सामने आए (16,329 लोगों की मौत, प्रति एक लाख पर 1.2 लोगों की मौत, 31 प्रतिशत की कमी).