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कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों की यूरोप में एंट्री की मनाही,


नई दिल्ली. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawala) ने ट्वीट कर यूरोपीय संघ (European union) की यात्रा को लेकर तकनीकी दिक्कतों का सामना कर रहे भारतीयों को आश्वस्त किया है जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा. पूनावाला की यह टिप्पणी यूरोपीय संघ की नई ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ योजना के बाद आई है जिसमें एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन के भारत-निर्मित संस्करण को मान्यता नहीं दी गई है. पूनावाला ने कहा कि उन्होंने इस मामले को नियामक संस्थाओं और राजनयिक लोगों के सामने उठाया. आशा है कि जल्द ही यह मामला सुलझा लिया जाएगा.

पूनावाला ने लिखा, ‘मुझे एहसास है कि बहुत से भारतीय जिन्होंने Covishield का टीका लगवाया है उन्हें यूरोपीय संघ की यात्रा के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं, मैंने इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाया गया है. जल्द ही नियामकों और राजनयिक स्तर पर इसे हल किया जाएगा.’

क्या है डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट?
कोविशील्ड वैक्सीन का विकास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका ने किया है और इसे पुणे स्थित वैक्सीन विनिर्माता द्वारा भारत में बनाया जा रहा है. यूरोपीय संघ (ईयू) ने अब तक एस्ट्राजेनेका, ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सजेवरिया को ही मान्यता दी है. यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी द्वारा अनुमोदित अन्य टीके बायोएनटेक-फाइजर, मॉडर्ना और जेनसेन (जॉनसन एंड जॉनसन) हैं.