खगड़िया (आससे)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खगड़िया सहित बिहार के कुछ जिलों में कोविड महामारी के दूसरे लहर में संक्रमित हुए मरीजों के उपचार हेतु खोले गए डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर का शनिवार को वर्चुअल भ्रमण किया और चिकित्सा व्यवस्था का अनुश्रवण किया। इस वर्चुअल भ्रमण कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव भी शामिल थे।
खगड़िया में डेडीकेटेड हेल्थ सेंटर सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम हॉस्टल में संचालित है। खगड़िया के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने विस्तार से यहां उपलब्ध सुविधाओं और व्यवस्था ओं के बारे में बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि खगड़िया के डीसीएचसी में अब तक कुल 219 मरीज इलाज हेतु भर्ती हुए जिनमें 145 ठीक होकर जा चुके हैं। 26 गंभीर मरीजों को बचाया नहीं जा सका और उनकी मृत्यु हुई शेष मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें 11 मरीजों में कोविड के सामान्य लक्षण थे, किंतु ये पॉजिटिव नहीं थे। फिर भी इनका इलाज कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत किया गया। 17 मरीजों को इलाज के क्रम में रेमडेसीविर का डोज भी दिया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि डीसीएससी में सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात है। इसके अलावा प्रत्येक कमरे में सीसीटीवी की भी व्यवस्था है, ताकि इनका उचित पर्यवेक्षण किया जा सके। यहां 24 घंटे पावर बैकअप जनरेटर के माध्यम से दिया जा रहा है वहीं प्रवेश द्वार के पास ही रैपिड एंटीजेन टेस्टिंग की व्यवस्था भी की गई है। आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं एवं चिकित्सक भी उपलब्ध हैं।
डीसीएचसी में 167 छोटे-बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर एवं 28 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं, जिनका इलाज के दौरान आवश्यकतानुसार इस्तेमाल किया जाता है। खाली ऑक्सीजन सिलेंडरों पर लाल स्टीकर एवं भरे हुए सिलेंडरों पर हरा स्टीकर लगाया जाता है, ताकि किसी प्रकार का भ्रम ना उत्पन्न हो। कुछ भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर ट्रॉली पर तैयार हालत में रखा जाता है। खाली सिलेंडरों को निर्धारित जगह पर रखा जाता है।
जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि नर्सिंग रूम में फ्रिज एवं नर्सिंग कार्ट की भी व्यवस्था है। यहां कुछ भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी आवश्यकतानुसार इलाज में इस्तेमाल के लिए रखे जाते हैं। गंभीर संक्रमित मरीजों को नर्सिंग रूम के बगल में रखा गया है, ताकि उनका सही ढंग से पर्यवेक्षण किया जा सके। सभी कमरे में कॉलबेल की व्यवस्था की गई है, ताकि आपात स्थिति में बजाकर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों, नर्सों या वार्ड बॉय को सूचना दी जा सके।
डीसीएचसी में प्रतिदिन तीन पालियों में 3-3 डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इनके साथ नर्स एवं वार्ड ब्वॉय भी रखे गए हैं, ताकि ऑक्सीजन सिलेंडर को बदलने में कोई दिक्कत ना हो। प्रत्येक पाली में स्वागत काउंटर पर मरीजों का हेल्थ बुलेटिन भी जारी किया जाता है, जिसे उनके परिजन देख सकते हैं और मरीज की हालत जान सकते हैं।
साफ-सफाई और शौचालय की अच्छी व्यवस्था है। मरीजों को खाना भी ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के हिसाब से दिया जाता है। उनके परिजनों को सामुदायिक रसोई से भोजन का पैकेट उपलब्ध कराया जाता है। उनके ठहरने और विश्राम करने के लिए डीसीएचसी के बगल में कुछ दूरी पर एक टेंट भी लगाया गया है।
संविदा पर डॉक्टरों को रखने के लिए दो बार साक्षात्कार हो चुका है एवं 6 चयनित डॉक्टरों ने नियुक्ति दे दी है। 18 मई को पुनः साक्षात्कार की तिथि रखी गई है। माननीय मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड सैंपलिंग की संख्या को पिछले एक सप्ताह में बढ़ाकर दोगुना किया गया है। सरकार के निर्देशानुसार टेस्टिंग एवं आइसोलेशन से इस महामारी को नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी।
जिलाधिकारी महोदय के निर्देश पर उप विकास आयुक्त श्रीमती अभिलाषा शर्मा ने पीपीई किट पहनकर माननीय मुख्यमंत्री को डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर का वर्चुअल टूर भ्रमण कराया, जिस पर माननीय मुख्यमंत्री ने संतोष व्यक्त किया।
माननीय मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के सक्रिय मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की और सभी जिलाधिकारियों को ग्रामीण इलाकों में कोविड सैंपलिंग बढ़ाने का निदेश दिया। उन्होंने लॉकडाउन का कड़ाई से अनुपालन कराने का भी निदेश दिया।
इस वर्चुअल भ्रमण के अवसर पर सदर अस्पताल में स्थित डीसीएचसी के समक्ष पुलिस अधीक्षक अमितेश कुमार, अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा, उप विकास आयुक्त अभिलाषा शर्मा, अपर समाहर्ता जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी भूपेंद्र प्रसाद यादव, सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी संजय कुमार वर्मा सहित अन्य पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।