गर्ल्स हास्टल के बाथरूम में खुशी सिंह नामक १८ वर्षीया छात्रा ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर लिया। यह घटना शनिवार को अपराहृन भेलूपुर थाना क्षेत्र के खोजवा स्थित एक गर्ल्स हास्टल के दूसरे तल पर हुई। इस घटना की जानकारी तब हुई जब उसकी रूम पार्टनर छात्रा ने बाथरूम का दरवाजा कई बार खटखटाया लेकिन अन्दर से कोई हरकत नहीं हुई। इसके बाद हास्टल की वार्डेन अंजु सिंह ने इस घटना की सूचना भेलूपुर थाने को फोन करके दी। सूचना पाकर भेलूपुर थाना प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार त्रिपाठी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और घटना की जांच पड़ताल किया जबकि फिंगर प्रिंट और विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम भी पहुंची थी। बाथरूम में मिले साक्ष्य को संकलित किया गया। वह बाथरूम में गमछे के सहारे फांसी पर लटकी हुई थी। इस घटना के मामले में भेलूपुर थाना प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार त्रिपारी ने मृतका के परिवार वालों को सूचना दी गयी थी सायंकाल उसके परिवार वाले मौके पर पहुंचे और उनकी मौजूदगी में शव को लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। थाना प्रभारी निरीक्षक भेलूपुर की पूछताछ में मृतका की रूम पार्टनर छात्रा ने बताया कि वह दोनों पूरी रात पढ़ाई की थी शनिवार सुबह साढ़े छह बजे नाश्ता करने के लिए गयी थी पौने सात बजे हास्टल पर दोनो लौटी थी। इसके बाद दोनों सो गयी थी दिन में तीन से चार बजे के बीच उसकी रूम पार्टनर सोकर उठी तो फे्रश होने के लिए वह बाथरूम में गयी। वह दस मिनट के अन्तराल में तीन चार बार बाथरूम का दरवाजा खटखटाया लेकिन अन्दर से कोई आहट और हरकत नहीं हुई। उसने हास्टल की वार्डन अंजु सिंह को इसकी सूचना दी, उन्होनें इसकी सूचना थाना भेलूपुर को दी। पुलिस का कहना है कि हास्टल में कुल ३५ कमरे है जिसमें कुल ७२ छात्राएं रहती है। सभी जेईई की तैयारी कर रही है।
गरीब परिवार से है छात्रा
फंदे से झूली ख़ुशी सिंह तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी है। ख़ुशी से छोटी एक बहन और एक भाई है। पिता जयप्रकाश सिंह किसान है। खुशी का पारिवारिक बैकग्राउंड कुछ खास नहीं है। ख़ुशी तीन सालों से जेईई की तैयारी कर रही है।
बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे हॉस्टल, नहीं है सुरक्षा इंतजाम
शिक्षा नगरी कहे जाने वाले काशी में एक बार फिर कोचिंग और हॉस्टल सिस्टम की लापरवाही पर सवाल उठने लग है। इस घटना के बाद दुर्गाकुंड और खोजवा इलाके में चल रहे हॉस्टलों की सुरक्षा व्यवस्था और रजिस्ट्रेशन प्रणाली भी एक गंभीर विषय है। सूत्र बताते हैं कि क्षेत्र में सैकड़ों हॉस्टल बिना किसी नगर निगम या जिला प्रशासनिक पंजीकरण के चल रहे हैं। इनमें से अधिकांश हॉस्टलों में फायर सेफ्टी उपकरण नहीं, न ही खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है। पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि कई हॉस्टलों के मैनेजर और वार्डन का व्यवहार ठीक नहीं होता, जिससे छात्राओं की शिकायतें अक्सर आती हैं। पिछले दिनों दुर्गाकुंड क्षेत्र के मानस नगर कॉलोनी स्थित हॉस्टल में रहने वाली एक छात्रा के पिता ने हॉस्टल संचालक और संचालिका के खिलाफ गंभीर धाराओं में थाना भेलूपुर में अभियोग भी पंजीकृत करवाया था। वहीं एक अन्य हॉस्टल की छात्रा ने गार्ड के ऊपर बदसलूकी का आरोप लगाया था।