चंदौली। बरसात की प्रतीक्षा करते करते लोग गर्मी से व्याकुल तो हैं की अब नर्सरी भी सुखने लगी है। मौसम विभाग शायद सटीक जानकारी दे पाने में असमंजस्य की स्थिति में आ गया है। जिससे लोग बादलों के धूप छाया को देखकर बरसात का अनुमान लगा रहे हैं। मंगलवार की दोपहर में भी बादल छाया जिससे लोग जल्द बारिश का अनुमान रहे हैं। चकिया प्रतिनिधि के अनुसार एक तरफ जहां मौसम में गर्मी का इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी तरफ किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। किसानों के धान के नर्सरी तैयार हो गई है तथा पानी का संसाधन न होने व बरसात ना होने के चलते धान की रोपाई प्रभावित हो गई है जिससे उनके भविष्य में मुश्किल बढ़ती जा रही है। किसानों का कहना है कि अगर बारिश नहीं हुई तो धान की रोपाई कर पाना संभव नहीं है। इससे भुखमरी बढ़ जाएगी अपना जीविकोपार्जन करने में काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ेगा। इस चिलचिलाती धूप में लोग पसीने से तरबतर हो गए। तापमान में इजाफा होने से देर शाम तक लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिली। पारा 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहा। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना कि आने वाले दिनों में बारिश के आसार हैं। 20 जून को प्रदेश में मानसून के प्रवेश करने के पश्चात दो तीन दिनों तक बारिश हुई लेकिन जुलाई के आगाज के साथ ही मानसून ने दगा दे दिया। पिछले एक पखवारे से लोग बारिश की आस में आसमान की ओर टकटकी लगाए है। लेकिन बारिश की बूंदे धरती पर आने का नाम ही नहीं ले रही हैं। मंगलवार को भी सुबह सूरज की किरणों के धरती पर आते ही लोग चिलचिलाती धूप से परेशान हो गए। दोपहर 12 बजे के बाद राह चलना दुश्वार हो गया। देर शाम तक लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिली। राज्य कृषि मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना है बारिश पर ही किसानों की नजरें टिकी हुई है। किसानों का कहना है कि जिस तरह से धूप निकल रही है और बेतहासा उमस भरी गर्मी पड़ रही है वैसे लगता नहीं है कि सावन का महीना है। यह मौसम जेष्ठ का दिखाई पड़ रहा है। जबकि लोगों को सावन में रिमझिम बारिश के फुहारे का आनंद लेते हुए दिखाई देना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।