चंदौली। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्घांजलि देने के लिए एक शोक सभा का आयोजन पूर्व सैनिकों द्वारा मैक्सवेल इंस्टीच्युट आफ मेडिकल साइंसेज में किया गया। जिसमें सर्वप्रथम दो मिनट का मौन रख दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गयी। तत्पश्चात उनके सम्मान में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि पिछले साल ८ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस विपिन रावत जी का निधन हो गया था। कहा कि देश के पहले सीडीएस के तौर पर सीमाओं की सुरक्षा के लिए जनरल बिपिन रावत द्वारा लिए गए साहसी फैसलों और सशस्त्र बलों के मनोबल को हमेशा ऊंचा रखने में उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश हमेशा याद रखेगा। देश की सेना में सेवा करने वाले बलिदानी लोगों से भरे उत्तराखंड में जनरल बिपिन रावत का जन्म १६ मार्च १९५८ को पौड़ी में हुआ था। वह पौड़ी जिले के साइना गांव के निवासी थे। उनका पालन-पोषण एक ऐसे परिवार में हुआ जिसका भारतीय सेना में सेवा करने का एक लंबा इतिहास रहा है। उनके पिता लेफिफ्टनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत, पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंज गांव से थे। इस दौरान मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष कैप्टन विनोद कुमार उपाध्याय, कैप्टन बालाचरण, कैप्टन रमेश, डा० के०एन० पाण्डेय, सुबेदार आर० बी० गुप्ता, डी० एन० तिवारी, सर्वजीत मिश्रा, रूद्रप्रताप सिंह, पी० के० सिंह, अवधबिहारी शुक्ला, शिवपूजन प्रसाद, एस० के० पाण्डेय, आर० सिंह, एस० के० गुप्त आदि पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।