सकलडीहा। स्थानीय विकास खण्ड के कई गांवों में बने मिनी सचिवालय मात्र शो पीस बन कर रह गये हैं। जबकि सरकार गांवों के चौमुखी विकास के लिये प्रयासरत है। उपयोग न होने के कारण मिनी सचिवालय रख रखाव के अभाव में जर्जर होने लगा है। इसे लेकर विभागीय अधिकारी भी उदासीन है। विशुनपुरा सहित अन्य गांव के मिनी सचिवालय या पंचायत भवन पर अधिकारियों के नही आने से ग्रामीणों को ब्लॉक का चक्कर काटना पड़ता है। जिसे लेकर ग्रामीणों में रोष है। पूर्व की सरकार में गांवों के विकास के लिये प्रत्येक गांव में मिनी सचिवालय का निर्माण लाखों रूपया खर्च करके बनवाया गया था। बीते कई साल से गांव में बना मिनी सचिवालय शोपीश बनकर रह गया है। सचिवालय की खिड़की दरवाजा और वायरिंग तक खराब होगया है। ग्राम सभा और पंचायत विभाग द्वारा मिनी सचिवालय के रख रखाव का ध्यान नही देने से शोपीश बनकर रह गया है। ऐसे कई गांव में मिनी सचिवालय की हालत है। गांवों के पंचायत भवन या मिनी सचिवालय में सचिवों के नही बैठने पर ग्रामीणों को ब्लॉक का सुबह से शाम चक्कर लगाना पड़ता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की उपेक्षा के कारण लाखों की लागत से बनी मिनी सचिवालय उपेक्षित बना है। सचिवालय की मरम्मत कराने की मांग उठाया है। इस बाबत एडीओ पंचायत राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव बाद गांवों बने मिनी सचिवालय का सर्वे कराकर मरम्मत कराया जायेगा।
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