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चीन को भारत की खरी-खरी,


  • ताजिकिस्तान के दुशांबे में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई. भारत ने सीमा तनाव घटाने में चीन की तरफ से की जा रही वादाखिलाफी का मुद्दा उठाया.

India China News: ताजिकिस्तान के दुशांबे में हुई एससीओ बैठक के हाशिए पर भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की अहम मुलाकात हुई. मुलाकात में जहां भारत ने सीमा तनाव घटाने में चीन की तरफ से नज़र आ रही वादाखिलाफी का मुद्दा उठाया, वहीं यह भी साफ कर दिया कि समाधान में हो रही देरी रिश्तों में खटास ही बढ़ा रही है. वार्ता के दौरान इस बात पर सहमति बनी है कि जल्द होने वाली अगली सैन्य कमांडर स्तर वार्ता उन सभी मोर्चों पर स्थिति सुलझाने का फॉर्मूला तलाशेगी जहां गतिरोध अब तक बरकरार है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी सैन्य तनाव की मौजूदा स्थिति और समग्र भारत-चीन संबंधों से संबंधित अन्य मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की. दोनों नेताओं ने सितंबर 2020 में मास्को की अपनी पिछली बैठक को याद करते हुए, पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की ज़रूरत पर भी जोर दिया.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, बातचीत के दौरान डॉ जयशंकर ने साफ किया कि सीमा तनाव घटाने को लेकर बनी सहमति के बावजूद स्थितियों का अनसुलझी रहना सम्बन्धों को खराब कर रहा है. मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक विदेशमंत्री ने चीनी स्टेट कौंसलर वांग यी से कहा कि, इस साल की शुरुआत में पैंगोंग झील क्षेत्र में सैन्य जमावड़ा कम करने के कदम ने शेष मुद्दों को हल करने के लिए सहायक स्थितियां पैदा की थीं. उम्मीद थी कि चीनी पक्ष इस उद्देश्य की दिशा में भारत के साथ काम करेगा. हालांकि पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में स्थिति अभी भी अनसुलझी ही है.