टोक्यो: प्रशांत सागर में जापानी पनडुब्बी (Japanese submarine) और मालवाहक जहाज की आपस में टक्कर हो गई है। हादसे के बाद काफी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि समुन्द्र से सतह पर आने के दौरान जापानी पनडुब्बी का मालवाहक जहाज के साथ टकरा गई। हांगकांग के मालवाहक जहाज में 3 हजार टन सामान और 65 क्रू मेंबर सवार थे।
पनडुब्बी को भारी नुकसान
हादसे के बाद नुकसान का आंकलन लगाया जा रहा है। अभी तक मिली रिपोर्ट के मुताबिक, बताया गया है कि पनडुब्बी में सवार जापानी कोस्टगार्ड के तीन जवानों को चोटें आईं हैं। साथ ही पनडुब्बी में काफी नुकसान की आशंका जताई गई है। पनडुब्बी के पंख बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये हैं वहीं पनडुब्बी में सवार बाकी जवानों को बाहर निकाल लिया गया है। जापान का शौर्यू पनडुब्बी 2009 से जापानी कोस्टगार्ड की सेवा में शामिल है, जिसकी सतह पर आते वक्त मालवाहक जहाज से टक्कर हो गई। दक्षिणी जापान के शिकोकू द्वीप के पास ये हादसा हुआ है। जापानी रक्षामंत्री ने हादसे की जानकारी देते हुए बताया है कि पनडुब्बी का संचार तंत्र बुरी तरह से ध्वस्त हो चुका है हालांकि पनडुब्बी अभी भी काम करने लायक है। जापानी रक्षमंत्री ने नोबुओ किशीएस ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। वहीं, अमेरिका नेवी के पूर्व कैप्टन ब्रेडली मार्टिन ने हादसे की तस्वीरें देखने के बाद कहा है कि जापानी पनडुब्बी को काफी नुकसान पहुंचा और अब ये पनडुब्बी इस्तेमाल के लायक नहीं है।
पहले भी हुआ है हादसा
जापानी पनडुब्बी और मालवाहक जहाज के बीच का ये हादसा करीब 20 सालों के बाद हुआ है। इससे पहले जापान के होवोलुलु में अमेरिकी न्यूक्लियर हथियार से लैश एक पनडुब्बी ने एक जापानी मछुआरा जहाज पर गलती से गोला दाग दिया था। उस हादसे में मछुआरा जहाज पर सवार 9 लोग मारे गये थे जिनमें 4 हाईस्कूल में पढ़ने वाले बच्चे थे। दरअसल, 9 फरवरी 2001 को हादसा तब हुआ था जब अमेरिकी पनडुब्बी ग्रीनवेली एक मॉकड्रील कर रहा था और उसकी चपेट में मछुआरों का जहाज आ गया था। हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 26 लोगों को बचा लिया गया था। हादसे के बाद अमेरिकन नेवी ने मृतकों के परिवार को 16.5 मिलियन डॉलर का मुआवजा दिया था। हादसे के बाद अमेरिकी पनडुब्बी के कमांडर स्कॉड वेडल को अमेरिकन मिलिट्री कोर्ट में दोषी ठहराते हुए उन्हें नेवी से बर्खास्त कर दिया था।