बरेली (आससे)। बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद मौलाना तौकीर रजा के करीबियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की टीम ने शनिवार अपराह्न तीन से साढ़े चार बजे के बीच एक मार्केट की 15 और चार मंजिला व्यावसायिक भवन की तीन दुकानों को अवैध बताकर सील कर दिया। इनकी कीमत 15 करोड़ से अधिक आंकी गई है। ये सभी दुकानें आरिफ की हैं। इससे पहले उसके दो बरातघर (फहम लॉन, फ्लोरा गार्डन) और उसकी पत्नी का होटल स्काई लार्क सील किए जा चुके हैं। बीडीए की टीम अपराह्न तीन बजे पीलीभीत रोड पर फहम लॉन के करीब स्थित चार मंजिला व्यावसायिकक भवन पर पहुंची। भूतल पर इंटीरियर डेकोरेटर, पहली मंजिल पर ब्रांडेड कपड़ों के शोरूम और तीसरी मंजिल पर सैलून को सील किया। बीडीए के सुरक्षाकर्मियों को अंदर भेजकर दुकानों पर काम कर रहे स्टाफ और ग्राहकों को बाहर निकालने के बाद सीलिंग की गई। इसमें करीब 30 मिनट लगे। इसके बाद टीम जगतपुर स्थित आरिफ की दो मंजिला मार्केट पर पहुंची। मार्केट के दोनों मंजिलों पर व्यापारिक गतिविधियां चल रही थीं। ग्राहक और दुकानदार दोनों थे। टीम ने उनको दुकानों से बाहर कर सीलिंग की कार्रवाई की। मौके पर मौजूद बीडीए के ओएसडी अजीत कुमार ने कहा कि कार्रवाई का बवाल से कोई मतलब नहीं है। ये सभी निर्माण अवैध हैं। इसलिए सील किए गए हैं। सीलिंग की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जगतपुर में तीन साल पहले आरिफ ने अवैध दो मंजिला मार्केट बनवाकर कई दुकानों को 30-30 लाख रुपये में बेचा। जो नहीं बिकीं, उनको किराये पर उठा दिया। उनसे भी वह आठ-नौ हजार रुपये प्रतिमाह किराया वसूलता था। बगैर नोटिस दिए अचानक की गई सीलिंग के बाद कई दुकानदारों ने बताया कि उन्हें सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया गया। जबकि, उन्होंने दुकान आरिफ से खरीदी थी। कुछ ने कहा कि आरिफ को किराया देते हैं। मोहम्मद आरिफ के पीलीभीत रोड स्थित व्यापारिक भवन के भूतल पर जाहिद हुसैन की फर्नीचर की दुकान है। यह भवन सात-आठ साल पहले बनाया गया था। मौके पर कोई मानचित्र या रिकॉर्ड पेश नहीं किया गया। न ही भवन मालिक मोहम्मद आरिफ पेश हुए। सीलिंग के वक्त अब्दुल हन्नान ने कहा- दिवाली का सीजन है, अब काम कैसे करेंगे। मामू जाहिद ने दुकान किराये पर ली थी। नोटिस तो नहीं आया। अगर आया होगा तो मकान मालिक के पास होगा। पहले पता होता तो वह सामान निकाल लेते। जगतपुर स्थित मार्केट की दुकान नंबर 10 पर काबिज राहिल खान ने कहा कि हमें सीलिंग के बारे में पहले कुछ नहीं बताया गया। 10 मिनट का समय देकर जरूरी सामान उठाने के लिए कहा गया। उन्होंने नौ हजार रुपये महीने किराये पर दुकान ली थी। एक अन्य दुकानदार ने बताया कि उन्होंने 30 लाख में दुकान खरीदी है। ऐसा पता होता तो नहीं खरीदते। यह मार्केट करीब तीन साल पहले बनी थी, जिसे अब बीडीए ने अवैध करार दिया है। मार्केट में विद्युत उपकरणों की दुकान, सैलून, ब्यूटी पार्लर और कंसल्टेंसी आदि संचालित हो रहे थे। कुछ दुकानें बंद पड़ीं थीं। बीडीए की टीम पहुंची तो वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया। एक दुकानदार ने सामान निकालने के लिए समय मांगा तो बीडीए के ओएसडी अजीत कुमार ने कहा कि अगर किसी को कुछ कहना है तो सोमवार को बीडीए कार्यालय आकर अपना पक्ष रखें।
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