उन्होंने दावा किया कि जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 में संशोधन करके, केंद्र ने दिल्ली विधानसभा की समितियों को दिन-प्रतिदिन के प्रशासन से संबंधित मामलों के लिए नियम बनाने से रोक दिया है।
उन्होंने कहा, विधानसभा ने फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। हम पूरे अधिनियम को चुनौती नहीं देंगे, लेकिन इसके कुछ प्रावधान जो विधानसभा की समितियों की शक्तियों को कम करते हैं, उसको चुनौती देंगे। इस पूरे अधिनियम को चुनौती दी जाएगी या नहीं, इस पर सरकार निर्णय करेंगी। मैं उस पहलू पर टिप्पणी नहीं कर सकता।
गोयल ने कहा, हमें विश्वास है कि अदालत विधानसभा की शक्तियों को बहाल करेगी जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक असंवैधानिक कानून के माध्यम से छीन ली गई है। हमने इस मामले पर कानूनी परामर्श लिया है।