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दूध में मिलावट को लेकर किए जा रहे फर्जी दावों पर सरकार की सफाई,


नई दिल्ली, । केंद्र सरकार ने गुरुवार को उस मीडिया रिपोर्ट को झूठा करार दिया, जिसमें दावा किया गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें सरकार से कहा गया कि क्या दूध और दूध उत्पादों में मिलावट की तुरंत जांच नहीं की जाती है और इस कारण 2025 तक 87 प्रतिशत नागरिक कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होंगे।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (Fisheries, Animal Husbandry & Dairying Ministry) ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सरकार उपभोक्ताओं को सुरक्षित और अच्छी गुणवत्ता वाले दूध की आपूर्ति के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

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मंत्रालय ने जारी किया बयान

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ऐसा संज्ञान में आया है कि भारत सरकार को डब्लूएचओ की एक सलाह के बारे में एक मीडिया रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया है कि अगर दूध और दुग्ध उत्पादों में मिलावट की तुरंत जांच नहीं की गई, तो वर्ष 2025 तक 87% नागरिक कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होंगे।

आगे कहा कि इस तरह की झूठी रिपोर्ट से पब्लिक के मन में अनावश्यक घबराहट पैदा हो रही है। एफएसएसएआई की ओर से इस पूरे मामले की जांच की गई है। डब्लूएचओ के भारत में स्थित ऑफिस की ओर से भी इस बात की पुष्टि की गई है कि इस तरह की कोई एजवाइजरी जारी नहीं की गई है।

देश में दूध का उत्पादन

देश में दूध का उत्पादन प्रतिवर्ष 6.1 की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। 2021-22 में देश में दूध का उत्पादन 221.06 मिलियन टन था, जोकि 2014-15 में यह 146.3 मिलियन टन था।

 

FSSAI समय-समय पर करता है जांच

एफएसएसएआई की ओर से बताया गया कि आखिरी राष्ट्रव्यापी नेशनल मिल्क सेफ्टी और क्वालिटी सर्वे में 6,432 नमूने लिए गए थे, जिसमें से 12 नमूने (0.19 प्रतिशत) ही खराब पाए गए थे।