कानपुर, दीपोत्सव से ठीक एक दिन पहले नरक चतुर्दशी रूप चौदस मनाया जाता है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को अकाल मृत्यु के दोष को दूर करने के लिए घर-घर यम को दीपदान करने की मान्यता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का अंत होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। ऐसी भी मान्यता है कि नरक चतुदर्शी पर 14 खास स्थान पर दीये जलाकर रखने से माता लक्ष्मी का आगमन होता है।
दीपावली का पर्व गुरुवार को मानाया जाएगा लेकिन दिन पहले बुधवार को छोटी दीवाली को लेकर उत्साह चरम पर है। संध्याकाल में घर-घर दीपदान करके मृत्यु और उसके डर से मुक्ति के लिए यमराज देवता का स्मरण किया जाएगा। गंगा तटों पर कई समाजसेवी संस्थाओं द्वारा दीपदान का आयोजन होगा। ज्योतिषाचार्य केए दुबे पद्मेश बताते हैं कि नरक चौदस पर हनुमान जी का पूजन किया जाता है। पश्चिम द्वार पर दीप जलाना शुभ होता है। श्रीकृष्ण ने इसी दिन राक्षस नरकासुर का वध कर संसार को उसके भय से मुक्त किया था। इसलिए इस पर्व को नरक चौदस भी कहते हैं। संध्याकाल में यम महाराज का पूजन घर-घर किया जाएगा। पंच दिवसीय दीपोत्सव में चार नवंबर को चित्रा नक्षत्र और प्रीति योग में दीपोत्सव मनाया जाएगा। वहीं, पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा तथा छह नवंबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।
नरक चौदस पर मान्यता के अनुसार सूर्योदय से पहले स्नान करने वालों को स्वर्ग में जगह मिलती है तो विधि-विधान से पूजा करने पर सुंदरता भी बढ़ती है। इस दिन शाम को दीये जलाने से परेशानियां दूर होती हैं और खास जगह पर दीप जलाकर रखने से माता लक्ष्मी का आगमन होता है। इन खास जगहों पर दीपक रखने से लाभ होता है। वैसे छोटी दीपावली पर पांच दीपक जलाने की मान्यता है, जो पूजा स्थल, रसोई, पयेजल स्थल, पीपल और मुख्य गेट पर रखे जाते हैं। लेकिन 14 दीये जलाना शुभ होता है, ऐसे करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
1-शाम को घर के मेन गेट के बाहर रखें।
2-कर्ज मुक्ति के लिए एक दीप सुनसान मंदिर में रखें।
3-माता लक्ष्मी के सामने एक दीप रखें।
4-तुलसी के पौधे नीचे रखें दीप रखें।
5-पीपल के पेड़ के नीचे दीप जलाएं।
6-किसी मंदिर में जाकर एक दीपक जलाकर रखें।
7-घर में कचरा रखने वाले स्थान पर दीप जरूर रखें।
8-बाथरूम में पानी की निकासी वाली जगह पर दीप जलाकर रखें।
9-घर की छत के कोने में दीया रखें।
10- घर की रसोई में एक दीपक रखें।
11-मकान की मुख्य खिड़की के पास दीपक जलाएं।
12-सीढ़ियों या फिर घर के ब्रम्ह स्थान पर दीप जलाकर रखें।
13-एक दीप पीने का पानी रखने की जगह पर रखें।
14-सरसों के तेल वाला दीप जलाकर कूड़े के ढेर पास रखें और ध्यान रहे कि दीप दक्षिण दिशा की ओर हो।