कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में भारी उछाल आने के बाद अर्थव्यवस्था में आई रिकवरी बरकरार रहे इसके लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठा सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए एक राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से बहुत से राज्य नाइट कर्फ्यू लॉकडाउन जैसे उपाय कर रहे हैं. इन हालात में अर्थव्यवस्था में आए सुधार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महामारी की दूसरी लहर से गरीबों की आजीविका पर काफी खराब असर पड़ सकता है. ऐसे में सरकार के द्वारा आने वाला यह पैकेज गरीबों के लिए संजीवनी का काम कर सकता है.
पिछले साल 26 मार्च 2020 से 17 मई 2020 के बीच किया था राहत पैकेज का ऐलान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोविड की वजह से प्रभावित हुई कारोबारी गतिविधियों में सुधार लाने के मकसद से पिछले साल 26 मार्च 2020 से 17 मई 2020 के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान किया था. उस दौरान केंद्र सरकार ने 20.97 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमण ने विकराल रूप धारण कर लिया है. इस घातक वायरस ने देश में अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. गुरुवार को कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों में जबर्दस्त उछाल देखने को मिला है. बीते 24 घंटे में देश में 2 लाख से ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित नए मरीज सामने आए हैं, जो अब तक का रिकॉर्ड है. बता दें कि लगातार 36वें दिन कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. नए केस आने के बाद अब देश में संक्रमित लोगों की संख्या 1,40,74,564 हो गई है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार कोविड 19 वैक्सीन के इंपोर्ट पर लगने वाली बेसिक कस्टम ड्यूटी को खत्म करने का फैसला ले सकती है.