- नियोजित शिक्षकों को इपीएम कानून के अनुरूप होगी कटौती
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में आरक्षण बैकलॉग नियुक्ति में नहीं
(आज समाचार सेवा)
पटना। माध्यमिक एवं उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में प्रबंध समिति का गठन जल्द होगा। इसकी घोषणा बिहार विधानसभा में मंगलवार को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने की। प्रबंध समिति का गठन होगा ही साथ में प्रबंधन समिति के दायित्व एवं कर्तव्य का निर्धारण भी जल्द किया जायेगा। श्री चौधरी आफाक आलम के अल्पसूचित सवाल का जवाब दे रहे थे।
मंत्री ने अपने जवाब में सदन को बताया कि नयी विधानसभा का गठन हुआ है। इस परिस्थिति में प्रबंध समिति का गठन नये सिरे से किया जायेगा। सभी जिलाधिकारियों एवं प्रधानाध्यापकों को जल्द प्रबंधन समिति के गठन का निर्देश जल्द जारी किया जायेगा। साथ ही प्रबंध समिति के अध्यक्ष विधायक होते हैं।
नये सदस्य अध्यक्ष बनेंगे इसलिए उनके उत्तरदायित्वों के निर्वहन के लिए नया संकल्प जल्द निर्गत किया जायेगा। एक अन्य सदस्य के जवाब में मंत्री ने सदन को बताया कि नियोजित शिक्षकों के भविष्य निधि कटौती एक सिंतंबर २०२० से की जा रही है। प्रावधान के अनुरूप नियुक्ति की तिथि से कटौती किया जाना संभव नहीं है।
हालांकि सदस्यों की मांग नियुक्ति की तिथि से इपीएफ की कटौती करने को लेकर दवाब डाल रहे थे। कांग्रेस के अजित शर्मा, अजय कुमार एवं आनंद शंकर सिंह के ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में सामान्य प्रशासन के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि विनिमय का प्रावधान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों बदले किसी अन्य आरक्षित कोटि के लिए नहीं किया गया है, अपितु खुली गुणागुण कोटि के उम्मीदवारों से भरे जाने का प्रावधान है। इस अधिनियम का प्रावधान शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में भी किया गया है।
उन्होंने बताया कि जहां तक बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा निकाले गये विज्ञापन संख्या १६-२०१९ में आर्थिक रुप यसे कमजोर वर्ग की रिक्तियों के भरने का प्रश्न है, इस संबंध में बिहार तकनीकी सेवा आयोग से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुरूप प्रासंगिक विज्ञापित में आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों के अधीन कुल ३४३ रिक्ति ३४३ के विरुद्घ १९६ योग्य अभ्यर्थी उपलब्ध पाये गये जिनका चयन किया गया। बची हुई १४७ रिक्तियों को खुली गुणागुण कोटि के अभ्यर्थियों से भरा गया है। जिसके अधीन मेधा के आधार पर आरक्षित एवं गैर आरक्षित सभी वर्ग के अभर्थी चयनित होते हैं।
इस प्रकार बची हुई १४७ रिक्तियों को खुली गुणागुण कोटि के आधार पर भरे जाने का प्रावधान पूर्णत: व्यावहारिक एवं नियमसंगतज है। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण हेतु पदों, सीटों की गणना चालू रिक्तियों के आधार की जाती है, बैकलॉग रिक्तियों पर नहीं। इस परिस्थिति में बिहार अधिनियम २-२०१९ की धारा ११ को विलोपित करने की आवश्यकता नहीं है।