नई दिल्ली,। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बुधवार के पंजाब दौरे के समय उनकी सुरक्षा को लेकर पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति पर विशेषज्ञों की मिली-जुली राय है। विशेषज्ञ इसे समन्वय की कमी का अनोखा मामला मानते हैं, जिसमें एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) और राज्य पुलिस के बीच समन्वय में गंभीर खामी सामने आई। वहीं मामला अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने हाथ में ले लिया है और पंजाब सरकार के हाथ बांध दिए हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के दौरे के रिकार्ड सुरक्षित रखने के आदेश दिए।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के पूर्व महानिदेशक सुदीप लखटकिया के अनुसार प्रधानमंत्री के दौरे की व्यवस्था को लेकर एसपीजी और राज्य पुलिस के बीच परस्पर विश्वास का विशेष भाव होता है। दौरे में प्रधानमंत्री के आवागमन मार्ग की सुरक्षा के लिए राज्य पुलिस पूरी तरह से जिम्मेदार होती है।
सुरक्षा में दो बड़ी खामियां
सिक्किम के पूर्व पुलिस महानिदेशक अविनाश मोहानानेय के अनुसार बुधवार को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में दो बड़ी खामियां रहीं। पहली-प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से 100 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबे रास्ते पर ले जाना। दूसरी-प्रधानमंत्री की कार का उस फ्लाईओवर पर जाना जिसके दोनों ओर की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों के आने का खतरा था। अविनाश ने करीब तीन दशक तक इंटेलीजेंस ब्यूरो में भी कार्य किया है।