बागपत। जयंत चौधरी की भाजपा से डील के बाद सपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में घेरने का मूड बना लिया है। सपा ने गुर्जर या ब्राह्मण जाति के उम्मीदवार को मैदान में उतारकर जयंत को चुनौती देने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव ने फोन पर अपनी पार्टी के जिलाध्यक्ष से बागपत के जातिगत समीकरण का अपडेट लेकर तैयारी में जुटने को निर्देश दिया।
वेस्ट यूपी की राजनीति में आया भूचाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्व. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के एलान से पश्चिम उप्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। कल तक सरकार को पानी पीकर कौसने वाले रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी की भाजपा से डील पक्की हो गई है। जयंत के इस कदम से सपा और कांग्रेस के धुरंधर भी हक्के-बक्के रह गए। रालोद तथा भाजपा के मिलन के बाद सपा ने अब पश्चिम उप्र को साधने के लिए नये सिरे से मंथन शुरू कर दिया।
इन नामों पर चल रहा मंथन
सपा ने अब लोकसभा चुनाव में जयन्त चौधरी को बागपत में चुनौती देने को गुर्जर और ब्राह्मण जाति के किसी कद्दावर नेता को मैदान में उतारने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। दो सपा नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया जयंत के सामने हमारी पार्टी सरधना विधायक अतुल प्रधान, मुखिया गुर्जर व डिबई से पूर्व विधायक गुड्डू पंडित में किसी को चुनाव लड़ा सकती है।
‘उम्मीदवार कोई हो, लेकिन वह गुर्जर या ब्राह़मण ही होगा’
एक और सपा नेता ने बताया कि उम्मीदवार कोई हो लेकिन वह कोई गुर्जर या ब्राह़मण ही होगा। यूं गुड्डू पंडित के छोटे भाई मुकेश पंडित वर्ष 2009 में बागपत से बसपा उम्मीदवार की हैसियत से स्व. चौधरी अजित सिंह के सामने चुनाव लड़कर कम अंतर से हारे थे। मुखिया गुर्जर भी 20 साल पहले सपा उम्मीदवार के रूप में स्व. चौधरी अजित सिंह के सामने चुनाव लड़ चुके हैं। इसलिए इनमें से किसी एक को बागपत से चुनाव लड़ाने की ज्यादा संभावना है।
अखिलेश यादव ने सपा जिलाध्यक्ष को दिए निर्देश
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार सुबह फोन पर सपा जिलाध्यक्ष रविंद्र देव से बात कर बागपत में चल रही हलचल और जातिगत समीकरण का अपडेट लेकर चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश दिया है। सपा के जिलाध्यक्ष ने माना की अखिलेश यादव ने फोन पर बागपत में उम्मीदवार तय करने को सुझाव लिया। उम्मीदवार कौन होगा यह हमें नहीं पता लेकिन सपा किसी गुर्जर या ब्राह्मण जाति के उम्मीदवार को ही मैदान में उतारेगी।