नयी दिल्ली (आससे)। रेल यात्रियों के लिए तत्काल टिकट व्यवस्था को और सरल और पारदर्शी बनाया जा रहा है। आरक्षण काउंटरों पर ओटीपी -वन टाइम पासवर्ड- आधारित तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली शुरू की जाएगी। यह व्यवस्था अगले कुछ दिनों में सभी स्टेशनों पर लागू हो जाएगी। रेलवे का मानना है कि इससे टिकट लेने की प्रक्रिया आसान होगी और उन यात्रियों को राहत मिलेगी, जिन्हें तत्काल टिकट पाने में अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।पिछले डेढ़ साल में रेलवे ने आनलाइन टिकङ्क्षटग को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। जुलाई 2025 में आनलाइन तत्काल टिकटों के लिए आधार-आधारित ओटीपी सिस्टम शुरू किया गया। इसके बाद अक्टूबर 2025 में सभी सामान्य आनलाइन टिकट बुकिंग के लिए भी ओटीपी सत्यापन को अनिवार्य कर दिया गया। यात्रियों ने इन दोनों बदलावों को सहजता से स्वीकार किया। नतीजा हुआ कि आनलाइन टिकट में पारदर्शिता बढ़ी। फर्जी बुकिंगकम हुई और वास्तविक यात्रियों को टिकट मिलने की संभावनाबढ़ गई। इसी सफल माडल को अब रेलवे काउंटर बुकिंगपर भी लागू कर रहा है। 17 नवंबर 2025 को रेलवे ने इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। शुरुआत में 52 ट्रेनों में यह प्रणाली लागू की गई। कुछ हफ्तों के प्रयोग में यह व्यवस्था सफल रही। रेलवे को भी यह तकनीक दुरुपयोग रोकने में कारगर दिखी, जिसके बाद इसे सभी ट्रेनों और सभी काउंटरों पर लागू करने का निर्णय लिया गया है। नई प्रणाली में प्रक्रिया बहुत सरल है। यात्री पहले की तरह आरक्षण फार्म भरकर टिकट काउंटर पर देगा। फार्म में अपने मोबाइल नंबर को सही-सही दर्ज करना होगा। काउंटर पर जानकारी दर्ज होने के बाद यात्री के मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। काउंटर कर्मचारी उस ओटीपी को सिस्टम में दर्ज करेगा। केवल सही ओटीपी मिलने के बाद ही टिकट जारी किया जाएगा। यानी टिकट केवल उसी व्यक्ति को मिलेगा जिसके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आया है। इससे फर्जी नंबर देकर टिकट लेने या तत्काल कोटा ब्लाक करने जैसी गतिविधियों पर रोक लगेगी। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि असली यात्री को तत्काल टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। बिचौलियों और फर्जी आईडी के सहारे टिकट लेने वालों पर नकेल कसेगी। काउंटर पर टिकट लेने की प्रक्रिया भी अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बन जाएगी। यात्री को अपने मोबाइल पर तुरंत यह भरोसा भी मिल जाएगा कि टिकट वास्तविक सत्यापन के बाद जारी हुआ है।
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