- तेल अवीव, : इजरायल में पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का दौर खत्म हो चुका है और अब नेतन्याहू के शासनकाल में भारत और इजरायल काफी करीबी दोस्त बन चुके हैं। वहीं, पीएम नेतन्याहू के कार्यकाल के बाद अब भारत इजरायल संबंधों में दोस्ती का नया अध्याय खुल गया है। खासकर जब भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत को एक और बेहद खास सहयोगी दोस्त यूएई के दौरे के बाद इजरायल पहुंचने वाले हैं, तो विश्लेषज्ञों का मानना है कि, भारत, इजरायल और यूएई के बीच संबंधों का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है
- इजरायल जाएंगे भारतीय विदेश मंत्री
बेंजामिन नेतन्याहू के बाद के युग में राजनयिक और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर एक अन्य रणनीतिक सहयोगी संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते तीन दिनों के लिए इजरायल का दौरा कर रहे हैं। विदेश मंत्री जयशंकर रविवार को दुबई पहुंच रहे हैं, जहां से वो 19 से 21 अक्टूबर की तीन दिवसीय इजरायल यात्रा के लिए रवाना होंगे। संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल दोनों के साथ सुरक्षा संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। चूंकी भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस काल में घरेलू प्रतिबद्धताओं के चलते विदेश दौरा रद्द कर रखा है, औसे में अब एस. जयशंकर और अजित डोवाल ही विदेशी कामकाज संभाल रहे हैं।
भारत की नई कूटनीति
वर्तमान में भारतीय कूटनीति का फोकस उन देशों से सीधे जुड़ने पर है, जो छोटे राष्ट्र राज्यों के अलावा मैक्सिको, ग्रीस, आर्मेनिया, किर्गिस्तान मोदी के पिछले शासनकाल में छूट गये थे। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इजरायल में प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट, वैकल्पिक प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री यैर लैपिड से मिलने वाले हैं यात्रा का मूल उद्देश्य नई गठबंधन सरकार को शामिल करना और तेल अवीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और करीब लाना है। भारत के एक पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि, ”इजरायल और यूएई अमेरिका और रूस जैसे बड़े भागीदारों के अलावा जापान और सिंगापुर जैसे भारत के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक हैं और अब इजरायल में नई सरकार मजबूती से स्थापित हो गई है, लिहाजा यह समय है, जब दोनों करीबी सहयोगियों ने अफगानिस्तान, मध्य पूर्व, इंडो-पैसिफिक और आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर नोट्स का आदान-प्रदान करे।