मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंदुत्व की राजनीति करने पर भाजपा पर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश में हर धर्म, संप्रदाय के लोग रहते हैं। यदि कोई भारत को ‘हिंदू-राष्ट्र’ बनाना चाहता है तो वो देश को बर्बाद करना चाहता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीबीसी के ऑफिस पर आईटी सर्व की कार्रवाई को लेकर भी भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई की जाती है तो साफ हो जाएगा कि मोदी सरकार क्या चाहती है। इससे पता चलता है कि अगर कोई उनके (मोदी सरकार) खिलाफ बोलेगा तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।
नीतीश कुमार ने आगे अपनी सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि जो लोग हमारे खिलाफ बोलना और लिखना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं। आखिरकार, फैसला जनता करेगी। जब हम संसद में थे तो हमारी बात सुनी गई। जब हम सरकार में थे, तब भी पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी विपक्ष की बात सुनते थे। यदि मोदी सरकार अडाणी विवाद को अस्वीकार करती है तो यह एक आंतरिक मामला होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारा काम लोगों की सेवा करना है और उसके लिए हम रात-दिन काम करते रहते हैं। इस सरकार ने किसानों के हित में काम किया है। अगर कोई मेरे खिलाफ बोलेगा तो वो जनता का नेता नहीं बनेगा, किसी पार्टी का नेता बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें केवल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कही बातों का पालन करना चाहिए। हम गांधीजी के बताए रास्ते पर ही चल रहे हैं।
बिहार के राजनीतिक गलियारों में उथलपुथल मची है। एक तरफ नीतीश कुमार को अपनी पार्टी में उपेंद्र कुशवाहा से बगावत का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की फोन पर बातचीत से नीतीश कुमार के फिर से पलटी मारने की चर्चा ने जोर पकड़ ली है। हालांकि, जदयू और राजद के नेता नीतीश कुमार का ही पक्ष ले रहे हैं।
जदयू के एक नेता ने सीएम के पलटी मारने की अफवाहों को लेकर कहा कि ‘नीतीश ने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया है। जिसके साथ रहे, पूरी ईमानदारी के साथ रहे हैं।’ वहीं, नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि वह फिर से भाजपा से हाथ मिलाने के बजाय मरना पसंद करेंगे। वहीं, शुक्रवार को भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति पर नीतीश कुमार का करारा हमला उड़ रही तमाम अफवाहों पर विराम लगा सकता है।