मनमोहन सिंह ने सुझाव दिया है कि सरकार को जाहिर करना चाहिए कि कोरोना की इन वैक्सीन की डोज को किस तरह पारदर्शी तरीके से राज्यों को वितरित किया जाएगा. मनमोहन सिंह ने कहा है कि हमें कितने लोगों का टीकाकरण किया गया इस तरफ देखने के बजाए कितनी फीसदी आबादी का टीकाकरण किया गया, इस पर ध्यान देना चाहिए.
मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता देश के रूप में उभरा है. यह सराहनीय है. सरकार को वैक्सीन निर्माता कंपनियों को जरूरी फंड और अन्य मदद मुहैया कराई जानी चाहिए ताकि वैक्सीन को उत्पादन बड़ी संख्या में होता रहे. उन्होंने कहा है कि इस समय कानून में जरूरी लाइसेंसिंग प्रावधान लाने चाहिए ताकि अधिक से अधिक कंपनियां लाइसेंस के तहत वैक्सीन उत्पादन कर सकें.
मनमोहन सिंह ने आखिरी सुझाव में कहा है कि देश में अभी वैक्सीन सप्लाई सीमित है. ऐसे में विश्व की कोई भी विश्वसनीय अथॉरिटी की ओर से अगर किसी वैक्सीन को हरी झंडी दी जाती है तो हमें भी उसे आयात करना चाहिए. हम ऐसा भारत में बिना उसके ट्रायल के कर सकते हैं. इस समय भारत में आपातकाल है. इमरजेंसी में उसके इस्तेमाल के समय ही देश में साथ ही साथ उसका ट्रायल भी किया जा सकता है.