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महाराष्ट्र में रिजॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू, विधान परिषद चुनाव से पहले होटल में ले जाए जा रहे विधायक


मुंबई। महाराष्ट्र में विधान परिषद की 11 सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान होना है। सभी राजनीतिक दलों ने इसके लिए अपने-अपने विधायकों (Maharashtra Legislative Council elections) को सहेजना शुरू कर दिया है। प्रमुख दलों ने अपने विधायकों को बुधवार से ही मुंबई के पांच सितारा होटलों में एक साथ रखना शुरू कर दिया है।

होटल में बुलाए गए विधायक

भाजपा ने अपने और अपने समर्थक विधायकों को दक्षिण मुंबई के कफ परेड स्थित होटल ताज प्रेसीडेंट में बुला लिया है। शिवसेना शिंदे गुट के विधायक बांद्रा के होटल ताज लैंड्स एंड में रखे गए हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने विधायकों को आईटीसी ग्रांड हयात में रखा है। और राकांपा (अजीत पवार) के विधायक होटल ललित में पहुंच चुके हैं। अभी तक कांग्रेस ने अपने विधायकों को किसी होटल में नहीं बुलाया है। और राकांपा (शपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने साफ कर दिया है कि उन्हें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है। वह कहीं नहीं जाने वाले हैं।

 

विधान परिषद चुनाव में 11 सदस्यों का चुनाव

इस बार के विधान परिषद चुनाव में सदन में 11 सदस्यों का चुनाव होना है, लेकिन प्रत्याशी 12 हैं। शिवसेना (शिंदे), भाजपा और राकांपा (अजीत) के विधायकों की कुल संख्या 197 है। इन तीनों दलों की महायुति (गठबंधन) ने मिलकर नौ उम्मीदवार खड़े किए हैं। इनमें भाजपा के पांच, शिवसेना (शिंदे) के दो और राकांपा (अजीत) के भी दो उम्मीदवार हैं।

इस चुनाव में  सदन की वर्तमान सदस्य संख्या के आधार पर सभी उम्मीदवारों को जीतने के लिए कम से कम 23 मतों की आवश्यकता है। इस प्रकार महायुति के सभी नौ उम्मीदवारों की जीत के लिए 207 मतों की आवश्यकता होगी। जबकि महायुति के मित्र दलों के विधायकों को जोड़ने के बावजूद उसके पास चार विधायक कम पड़ रहे हैं।

दूसरी ओर महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस और शिवसेना ने अपने एक-एक प्रत्याशी ही खड़े किए हैं, और राकांपा (शपा) अपने एक सहयोगी दल शेतकरी कामगार पक्ष के नेता जयंत पाटिल को समर्थन दे रही है। इन तीनों दलों के पास के पास अपने समर्थकों को लेकर 66 विधायक हैं। जबकि इन्हें जीत के लिए कम से कम 69 मतों की जरूरत है।

शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शपा) का फंस सकता पेंच

समाजवादी पार्टी जैसे कुछ सहयोगी दलों का समर्थन लेकर महाविकास आघाड़ी के तीनों उम्मीदवार जीत सकते हैं। लेकिन इस गठबंधन के कम विधायकों वाले दो दलों शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा(शपा) को अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए कांग्रेस के अतिरिक्त मतों की जरूरत पड़ेगी।

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस बार अपने निजी सचिव मिलिंद नार्वेकर को उम्मीदवार बनाया है। वह किसी भी कीमत पर उन्हें जितवाना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें कांग्रेस के अतिरिक्त मतों की जरूरत है। यही हाल शरद पवार का भी है। उनके पास अपने 13 मत हैं। उनके समर्थन से चुनाव लड़ रहे शेकाप नेता जयंत पाटिल को 10 मतों का जुगाड़ कहीं और से करना है।

चुनाव में होगा गुप्त मतदान, खेल होने की संभावना

चूंकि, विधान परिषद चुनाव में गुप्त मतदान होता है। इसलिए इस चुनाव में कमजोर उम्मीदवार के साथ खेल होने की पूरी संभावना रहती है। ऐसा ही एक खेल जून 2022 में हो चुका है। जब क्रास वोटिंग में कांग्रेस के अधीकृत उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे को हार का सामना करना पड़ा था।

उस चुनाव में शिवसेना के दोनों उम्मीदवार जीत तो गए थे, लेकिन चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद पार्टी में हुई बगावत के कारण उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद अब महाविकास आघाड़ी के हौसले बुलंद हैं, और वह एकजुट भी नजर आ रही है। लेकिन गुप्त मतदान में कब किसके साथ खेल हो जाए, कहा नहीं जा सकता।