कीव की अचानक यात्रा के बाद बाइडन सोमवार देर रात पोलैंड की राजधानी वारसॉ पहुंचे। यहां वह अमेरिकी सहयोगियों को बताएंगे कि अमेरिका, रूस के आक्रमण की वर्षगांठ पर पूरी तरह से यूक्रेन के साथ खड़ा है। साथ ही वह नाटो के पूर्वी हिस्से के लिए अमेरिकी समर्थन पर जोर देंगे।
पोलैंड के राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात
यूक्रेन का समर्थन करने के सामूहिक प्रयासों पर चर्चा करने के लिए बाइडन पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मुलाकात करेंगे। वह सैन्य और मानवीय सहायता प्रदान करने में संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों की मदद करने के लिए पोलैंड को धन्यवाद देंगे।
इसके बाद शाम को बाइडन एक भाषण देंगे। इसमें वह बताएंगे कि कैसे अमेरिका ने दुनिया को यूक्रेन का समर्थन करने में मदद की है। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध अपने दूसरे वर्ष में प्रवेश कर रहा है और इसका अभी कोई अंत नहीं दिख रहा है।
बुखारेस्ट नाइन के नेताओं के मिलेंगे बाइडन
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, “राष्ट्रपति बाइडन यह स्पष्ट करेंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा, जैसा कि आपने उन्हें कई बार कहते सुना है।”
22 फरवरी को वारसॉ से वाशिंगटन के लिए रवाना होने से पहले बाइडन नाटो सहयोगियों के पूर्वी धड़े बुखारेस्ट नाइन के नेताओं से मिलेंगे। इस दौरान वह उनकी सुरक्षा के लिए अटूट समर्थन की पुष्टि करेंगे।
460 मिलियन डॉलर की नई मदद देगा अमेरिका
20 फरवरी को जब बाइडन कीव में थे, तब अमेरिकी विदेश विभाग ने यूक्रेन को 460 मिलियन डॉलर की अमेरिकी सहायता की घोषणा की। इसमें से 450 मिलियन डॉलर मूल्य का तोपखाना गोला-बारूद, एंटी-आर्मर सिस्टम और वायु रक्षा रडार दिया जाएगा। इसके अलावा ऊर्जा बुनियादी ढांचे के लिए 10 मिलियन डॉलर दिए जाएंगे।
अभी तक दी जा चुकी है 24 अरब डॉलर की मदद
युद्ध की शुरुआत के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन की मदद के लिए सुरक्षा सहायता में 24 अरब डॉलर से अधिक की राशि भेजी है। यह युद्ध एक घिनौना संघर्ष बन गया है। अमेरिकी अधिकारियों का इसके बारे में कहना है कि यह कई महीनों या वर्षों तक चल सकता है।
रूस की मदद करने वाली कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएगा अमेरिका
जेलेंस्की के अनुरोध पर बाइडन ने अभी तक यूक्रेन को लड़ाकू जेट भेजने के लिए हामी नहीं भरी है। व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका उन व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ अतिरिक्त प्रतिबंधों की घोषणा करेगा, जो “प्रतिबंधों से बचने और रूस को युद्ध में पीछे से मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।”