इस्लामाबाद, । विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के चलते मुश्किलों का सामना कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार शाम को देश की आवाम को संबोधित किया। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इमरान खान ने कहा कि मेरे पास सब कुछ था। मैंने 25 साल पहले सेवा के मकसद के साथ राजनीति में कदम रखा था। मैंने इंसाफ, इंसानियत और खुद्दारी के लिए पालिटिक्स ज्वाइन की। इमरान ने यह भी कहा कि सियासत में कदम रखते समय मैंने संकल्प लिया था कि किसी के आगे ना झुकुंगा ना अपनी कौम को झुकने दूंगा।
इमरान खान ने कहा कि मैं किसी मुल्क का नाम तो नहीं लूंगा लेकिन आपको बताना चाहता हूं कि आठ मार्च को एक विदेशी देश से हमें संदेश आता है जिसमें बताया जाता है कि वे पाकिस्तान पर क्यों गुस्सा हैं। उनका कहना था कि यदि इमरान खान को हटा दिया जाता है तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं किए जाने पर पाकिस्तान को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। यह किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ नहीं पूरी आवाम के खिलाफ दखलंदाजी है।
इमरान खान ने कहा कि रविवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में वोटिंग होगी। इस रविवार को इसका फैसला हो जाएगा कि यह मुल्क अब किस तरफ जाएगा। क्या पाकिस्तान उसी गुलाम नीति पर चलेगा, क्या उन्हीं भ्रष्ट लोगों के हाथ में पाकिस्तान जाएगा जिन पर 30 साल से भ्रष्टाचार के आरोप हैं। मैंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। नतीजा जो भी होगा उससे बाद मैं और ज्यादा ताकतवर होकर सामने आऊंगा।
इमरान खान ने कहा कि मैंने फैसला किया था कि हम ऐसी विदेश नीति बनाएंगे जिससे पाकिस्तान की आवाम का भला हो। मैंने आजाद विदेश नीति की बात कही थी। इमरान ने कहा कि पिछली सरकारों की सबसे बड़ी गलती थी कि 80 के दशक में पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का सहयोगी बन गया। याद रखें उसी अमेरिका ने हमारे ऊपर प्रतिबंध लगाए थे। पिछली सरकारों की गलतियों के कारण मैंने पाकिस्तान को जलील होते और नीचे आते देखा है।
इमरान खान ने कहा कि अमेरिका का हिमायती बनना परवेज मुशर्रफ की सबसे बड़ी गलती थी। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान ने कई कुर्बानियां दी जिसका श्रेय हमारे मुल्क को नहीं मिला। पिछली सरकारों के कार्यकाल में हमारे मुल्क में चार सौ ड्रोन अटैक हुए जिसकी निंदा तक नहीं की गई। जब मैंने इन हमलों के विरोध में धरना दिया तो मुझे तालिबान खान कहा गया। मैं आज ये बातें इसलिए बता रहा हूं ताकि आपको पता चले कि इन लोगों की विदेश नीतियां कैसी रही हैं।
इमरान खान ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि ईश्वर ने मुझे इज्जत, शोहरत और दौलत के साथ वह सब कुछ दिया जिसकी ख्वाहिश हर व्यक्ति की होती है। मुझे आज किसी चीज की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान मुझसे सिर्फ महज पांच साल बड़ा है। मैं आजादी के बाद पैदा होने वाले देश की पहली पीढ़ी के लोगों में से हूं। मुझसे इस्तीफा देने की बातें कही गई। मैं क्रिकेटर रहा हूं। मैं आखिरी गेंद तक लड़ूंगा। रविवार को जो भी नतीजा हो मैं और ज्यादा ताकतवर बनकर उभरूंगा।