कोलकाता। गंगासागर के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उन्होंने पिछले दिनों जिस तरह लक्षद्वीप का प्रचार किया, उसी तरह सागरद्वीप के बारे में भी कहें। स्थानीय लोगों को विश्वास है कि पीएम मोदी सागरद्वीप का उल्लेख करेंगे तो पूरी दुनिया का ध्यान इस पर जाएगा। इससे यहां विकास की राहें खुलेंगी। बता दें कि गंगासागर का ही दूसरा नाम सागरद्वीप है।
रूद्रनगर इलाके की रहने वाली सहेली ताला ने कहा कि पीएम मोदी बेहद प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले हैं। देश-दुनिया में उनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं। पीएम मोदी के लक्षद्वीप प्रवास का वीडियो सामने आने के बाद वहां पर्यटन तेजी से बढ़ गया है। लोग मालदीव जाना भूल गए हैं। वे अगर सागरद्वीप के बारे में कहेंगे तो इस क्षेत्र व यहां के लोगों का भी काफी भला होगा।
गंगासागर में पर्याप्त विकास कार्य नहीं
मध्य प्रदेश के सागर क्षेत्र मे स्थित स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली सहेली ने आगे कहा कि देश का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल होने के बावजूद गंगासागर में उद्योग नहीं हैं। रोजगार की कमी है। अच्छे शिक्षण संस्थान नहीं हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था उन्नत नहीं है। स्थानीय युवकों को काम के लिए दूसरे राज्यों का रूख करना पड़ता है। मकर संक्रांति पर गंगासागर मेला लगने के समय ही यहां इतना ताम-झाम देखने को मिलता है और लाखों तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ती है। बाकी समय कुछ ही पर्यटक आते हैं। उनके ठहरने के लिए यहां अच्छे होटल भी नहीं हैं।
गंगासागर पर भी दें ध्यान
स्थानीय दुकानदार बलराम दास कहते हैं कि पीएम मोदी ने सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए बहुत कुछ किया है। गंगासागर हिंदुओं के सबसे प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है इसलिए उन्हें इसपर विशेष ध्यान देना चाहिए।
पीएम मोदी देश के कितने ही धार्मिक व तीर्थ स्थलों का दौरा कर चुके हैं। हम चाहते हैं कि वे एक बार गंगासागर भी आएं।
लक्ष्मीबाजार इलाके के रहने वाले गोपीनाथ दास का मानना है कि सागरद्वीप के पर्याप्त रूप से विकसित नहीं हो पाने का एक प्रमुख कारण इसका मेनलैंड से भू-संपर्क नहीं होना है। दशकों बीत जाने पर भी मूड़ी गंगा नदी में पुल का निर्माण नहीं हो पाया है।
कोलकाता से 100 किमी दूर गंगासागर
बता दें कि सागरद्वीप कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर दक्षिण 24 परगना जिले में चारों ओर से पानी से घिरा प्राकृतिक तौर पर निर्मित द्वीप है। यह दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव फारेस्ट सुंदरवन का ही एक हिस्सा है। यहां की जनसंख्या दो लाख से कुछ अधिक है। सागरद्वीप की जीविका मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। ज्यादातर लोग पान की खेती करते हैं। यहां के पान का देश के विभिन्न हिस्सों में निर्यात होता है। इसके अलावा धान व विभिन्न सब्जियों की भी खेती होती है। कुछ लोग मत्स्य पालन से जुड़े हुए हैं। यहां बड़े कल-कारखाने नहीं हैं। छोटे कुटीर उद्योग चलते हैं।