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- आचार संहिता की रिपोर्ट मिलने पर विधायकों पर भी होगी कार्रवाई
- विधानसभा में २३ मार्च को विधेयक पेश करने के क्रम में हुई थी घटना
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(आज समाचार सेवा)
पटना। विधानसभा में २३ मार्च को बिहार सशस्त्र पुलिस बल विधेयक पेश करने के दौरान हंगामे के बीच विधायकों से मारपीट करने वाले दो पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आइजी पटना प्रक्षेत्र ने १९ जुलाई को इससे संबंधित आदेश निर्गत कर दिया है। जबकि हंगामे एवं अमर्यादित व्यवहार करने वाले विधायकों को आचार समिति चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। समिति से अभी अनुशंसा प्राप्त नही हुई है। अनुशंसा प्राप्त होते ही शीघ्र कार्रवाई की जायेगी। विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि विधानसभा परिसर और सदन के अंदर किसी को भी अमर्यादित आचरण प्रदर्शित करने की इजाजत नहीं दी जायेगी।
विधानसभाध्यक्ष ने बताया कि मुझे तो अपने चैंबर में बंद कर दिया गया था। आसन पर विपक्षी विधायकों ने कब्जा जमा लिया था। सदन के अंदर अव्यवस्था फैली हुई थी। मार्सल की संख्या सीमित है। इसको देखते हुए अतिरिक्त पुलिस मार्शल की सहायता के लिए सदन के अंदर बुलाया गया था। विजुअल फुटेज से कुछ अप्रिय घटना देखने को मिला। एक सदस्य को मारते हुए बाहर ले जाया जा रहा था। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि तत्काल डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह को वीडियो फुटेज की सत्यता की जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वीडियो फुटेज के आधार पर दो पुलिस कर्मियों को चिन्हित किया गया है। उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है। सिपाही शेषनाथ सिंह व रंजीत कुमार सिंह को दोषी पाया गया। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उनका आचरण उदंडता, मनमानापन, गैरजिम्मेदाराना और अयोग्य पुलिसकर्मी होने का परिचायक रहा था।
इस घटना से पुलिस विभाग की छचिव धूमिल हुई है। उन्होंने कहा कि मर्यादा का पालन सभी को करना चाहिए। आचार समिति की भी रिपोर्ट प्राय: तैयार है। उसकी रिपोर्ट भी जल्द मिलने वाली है। उसके आधार पर दोषी विधायकों के खिलाफ अनुशंसा मिलने पर कार्रवाई की जायेगी।