कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है।
उच्च न्यायालय ने टीएमसी नेता शाहजहां को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पश्चिम बंगाल के गृह सचिव को स्वत: संज्ञान मामले में पक्षकार के रूप में शामिल करने का निर्देश दिया।
अभिषेक बनर्जी के दावे पर हुई चर्चा
अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और बंगाल के दो मंत्रियों की टिप्पणी पर भी चर्चा की। सीजेआई ने अभिषेक बनर्जी के दावे को लेकर राज्य सरकार को फटकार भी लगाई। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि हम रजिस्ट्री को अखबार में सार्वजनिक नोटिस जारी करने का निर्देश देंगे, क्योंकि शाहजहां शेख लापता है।
अभिषेक बनर्जी ने कोर्ट पर किया था कटाक्ष
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और डायमंड हार्बर सांसद अभिषेक बनर्जी ने रविवार (25 फरवरी) को संदेशखाली के फरार नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी में देरी के लिए न्यायपालिका को जिम्मेदार बताया था। दरअसल, उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि शाहजहां शेख को न्यायपालिका की ओर से संरक्षित किया जा रहा है, ताकि संदेशखाली सुर्खियों में बना रहे और जलता रहे।