News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

संसद में मार्शलों और सुरक्षाकर्मियों के बर्ताव को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने उपराष्ट्रपति नायडू से की मुलाकात


  1. संसद के हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान मार्शलों – सुरक्षाकर्मियों के बर्ताव को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम समेत 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार को उपराष्ट्रपति से मुलाकात की। उपराष्ट्रपति सचिवालय के सूत्रों के अनुसार राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा, कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता इलावरम करीम, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता तिरुचि शिवा और अन्य नेता उपराष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले नेताओं में शामिल थे।

सूत्रों के अनुसार इन विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में अत्याधिक मार्शलों की तैनाती और सदस्यों के प्रति उनके बर्ताव का मामला उठाया। विपक्षी नेताओं ने कहा कि मानसून सत्र को निर्धारित समय से पहले समाप्त करने पर सरकार के साथ सहमति बनी थी। इस दौरान केवल अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण से संबंधित’संविधान संशोधन 127 वां विधेयक 2021’पारित करने पर सहमति बनी थी। सदन में सरकार ने साधारण बीमा से संबंधित विधायक भी विपक्ष पर थोपने का प्रयास किया। इस कारण विपक्षी नेताओं को विरोध करने पर उतरना पड़। इसलिये सदन में अव्यवस्था और शोर-शराबे की स्थिति बनने का जिम्मेदार विपक्षी नेताओं को नहीं ठहराया जा सकता।

गौरतलब है कि संसद का सत्र 13 अगस्त तक था लेकिन राज्यसभा और लोकसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच बने गतिरोध के कारण इसे 12 अगस्त को ही समाप्त करना पड़। सत्र के दौरान राज्यसभा में विपक्ष ने भारी हंगामा किया और सदन में महासचिव की मेज पर विपक्षी दल के सदस्य चढ़कर बैठ गए।

हंगामे के दौरान ही संसद की एक महिला सुरक्षा कर्मी को चोट आई। खबरों के अनुसार सदस्यों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। विपक्षी कांग्रेस का आरोप है कि राज्यसभा में मार्शलों ने उसकी सदस्य छाया वर्मा के साथ मारपीट की। विपक्षी दलों का यह भी आरोप है कि सदन में अन्य लोगों को मार्शल की वर्दी में तैनात किया गया।इस बीच राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने हंगामा कर रहे विपक्षी दल के सदस्यों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग की है और उन्होंने कहा है कि इन्हें कड़ा दंड दिया जाना चाहिए।