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सरकार ने प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ऐड पर 8 साल में खर्च किए 6399 करोड़


सरकार द्वारा प्रिंट और इलेक्ट्रानिक माध्यमों  से विज्ञापनों  पर पिछले करीब आठ साल में 6399.6 करोड़ रुपए खर्च किए गए। लोकसभा में एम सेल्वराज के प्रश्न के लिखित उत्तर में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा मंगलवार को पेश किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सदस्य ने पूछा था कि साल 2014 से प्रत्येक मंत्रालय द्वारा प्रिंट और इलेक्ट्रानिक माध्यम से विज्ञापनों पर वहन किए गए खर्च का वर्ष-वार ब्यौरा क्या है।मंत्री द्वारा पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2014-15 से सात दिसंबर 2022 तक प्रिंट मीडिया के माध्यम से विज्ञापनों पर 3138.81 करोड़ रुपए खर्च किए गए जबकि इस अवधि में इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से विज्ञापन पर 3260.79 करोड़ रुपए खर्च हुए। सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय संचार ब्यूरो के माध्यम से साल 2014-15 में प्रिंट मीडिया पर विज्ञापन में 424.84 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर विज्ञापन में 473.67 करोड़ रुपए, वर्ष 2015-16 में प्रिंट मीडिया पर 508.22  करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 531.60 करोड़ रूपये खर्च किए गए।इसी प्रकार साल 2016-17 में प्रिंट मीडिया पर 468.53  करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 609.60  करोड़ रुपए, वर्ष 2017-18 में प्रिंट मीडिया पर 636.09  करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 514.28  करोड़ रुपए खर्च हुए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018-19 में प्रिंट मीडिया पर 429.55  करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 514.28 करोड़ रुपए, वर्ष 2019-20 में प्रिंट मीडिया पर 295.05 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 317.11 करोड़ रुपए, साल 2020-21 में प्रिंट मीडिया पर 197.49  करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 167.98  करोड़ रुपए तथा वर्ष 2021-22 में प्रिंट मीडिया पर 179.04 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 101.24  करोड़ रुपए खर्च हुए।इसमें बताया गया है कि वर्ष 2022-23 में सात दिसंबर 2022 तक प्रिंट मीडिया पर विज्ञापन में 91.96 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 76.84  करोड़ रुपए खर्च हुए। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के माध्यम से विदेशी मीडिया में विज्ञापनों पर कोई व्यय नहीं किया गया है।