यूजीसी अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को लेकर जानकारी साझा की कि चार विषयों मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री और बॉयोलॉजी के साथ तीन अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं में सम्मिलित होने की बजाय एक ही प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हों और इसके आधार पर अलग-अलग विषयों में आगे की पढ़ाई के लिए दाखिला ले सकेंगे। हालांकि, उच्चतर शिक्षा के शीर्ष निकाय – यूजीसी द्वारा इस सम्बन्ध में अभी सहमति बनाए जाने पर प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें कि इंजीनियरिंग में आइआइटी समेत विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में यूजी दाखिले के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा जेईई मेन और फिर किसी एक आइआइटी द्वारा जेईई एडवांस प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है और इसमें लगभग 10 लाख परीक्षार्थी सम्मिलित होते हैं। इसी प्रकार, एम्स समेत विभिन्न चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में यूजी कोर्सेस (एमबीबीएस, बीडीएस, बीएचएमएस, बीएएमएस, आदि) में दाखिले के लिए एनटीए द्वारा प्रवेश परीक्षा नीट का आयोजन हर साल किया जाता है और इसमें करीब 15 लाख उम्मीदवार सम्मिलित होते हैं। वर्तमान में स्टूडेंट्स को अंडर-ग्रेजुएट पढ़ाई के लिए अपने पसंदीदा कोर्से के हिसाब से नीट या जेईई या इस साल से लागू सीयूईटी में सम्मिलित होना होता है।