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स्कूल बस में कितना सेफ है आपका बच्चा, अगर ये गाइडलाइंस नहीं हो रही फॉलो तो अभिभावक तुरंत हो जाएं सतर्क –


हांसी। शिक्षक को समाज का शिल्पकार कहा जाता है, अगर शिक्षक ही अपने कर्तव्य से विमुख हो जाए तो समाज का भविष्य क्या होगा। दरअसल, बच्चों को नियमों की पालना का पाठ पढ़ाने वाले क्षेत्र के कई स्कूल संचालक सरे आम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नन्हे-मुन्ने की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

 

वीरवार को सरकारी अवकाश होने के बावजूद अधिकतर स्कूल खुले रहे, सूचना मिलते ही बीईओ ने स्कूलों पर छापेमारी की तो स्कूलों का एक और चेहरा बेनकाब हो गया। स्कूल बसों में बोनट पर बैठाकर बच्चों को ठूस ठूस कर स्कूल से भेजा जा रहा था। यहां तक की स्कूल बसों सुरक्षा मानकों की जमकर अनदेखी की जा रही थी।

हांसी में स्कूल बसों में धड़ल्ले से तोड़े जा रहे नियम

  • स्कूल वाहनों में ना ही फस्ट एड का प्रबंध था और ना ही ड्राइवरों ने सीट बेल्ट लगा रखी थी।
  • छुट्टी के दिन शहर के कुछ स्कूल खुले पाए गए हैं।
  • उड़ाते हुए देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है।
  • बीईओ की छापेमारी के दौरान बच्चों स्कूलों में गंभीर लापरवाही सामने आई है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल बसों को लेकर आदेश जारी कर रखे हैं, बावजूद जमीनी स्तर पर स्थिति सुप्रीम आदेशों की धज्जियां
  • बच्चों को बस के बोनट पर बैठ सफर करना पड़ा। चालक ने सीट बेल्ट तक नहीं लगाई

बसों में ये मानक जरूरी

  • स्कूल बस पीले कलर की होनी चाहिए।
  • इसके साथ ही उस पर स्कूल बस जरूर लिखा होना चाहिए।
  • स्कूल बस में फर्स्ट-एड- बॉक्स होना जरूरी है।
  • बस की खिड़की में ग्रिल लगी होनी चाहिए।
  • इसके साथ ही बस में आग बुझाने वाला यंत्र भी लगा होना चाहिए।
  • स्कूल बस पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर भी होना चाहिए।
  • इसके साथ ही दरवाजों पर ताले लाक भी लगा होना चाहिए।
  • स्कूल बस में एक अटेंडेंट होना चाहिए।
  • इसके साथ ही अधिकतम स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए।