नई दिल्ली, । देश की सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम का एलान किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को अग्निपथ स्कीम का एलान किया था। इस योजना के एलान के बाद से ही इसके भारी विरोध हो रहा है। विरोध को देखते हुए सरकार और देश की तीनों सेनाएं इस स्कीम को लेकर रुख साफ कर चुकी है। वहीं, अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने भी अग्निपथ स्कीम को लेकर खुलकर बात की है। समाचार एजेंसी एएनआइ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि ये देश के लिए क्यों जरूरी है।
डोभाल ने कहा, ‘पूरा युद्ध एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। हम संपर्क रहित युद्धों की ओर जा रहे हैं और अदृश्य शत्रु के विरुद्ध युद्ध की ओर भी जा रहे हैं। तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है। कल की तैयारी करनी है तो बदलना ही होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एक गतिशील अवधारणा है। यह स्थिर नहीं रह सकता, यह केवल उस वातावरण के संबंध में है जिसमें हमें अपने राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा करनी है।
‘भारत के चारों तरफ माहौल बदल रहा है’
डोभाल ने कहा कि जो हम कल कर रहे थे अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं। यदि हमें कल की तैयारी करनी है तो हमें परिवर्तित होना पड़ेगा। आवश्यक इसलिए था क्योंकि भारत में, भारत के चारों तरफ माहौल बदल रहा है। आज भारत में बनी AK-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल को सेना में शामिल किया जा रहा है। यह दुनिया की सबसे अच्छी असॉल्ट राइफल है। सैन्य उपकरणों में बहुत प्रगति की जा रही है।
डोभाल ने कहा कि अग्निपथ को एक नजरिए से देखने की जरूरत है। अग्निपथ अपने आप में एक स्टैंडअलोन योजना नहीं है। 2014 में जब पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाना था। इसके लिए कई रास्ते, कई कदम उठाए गए जिनकी आवश्यकता थी। पिछले 8 सालों में स्ट्रक्चरल सुधार बहुत सारे हुए हैं। 25 साल से CDS का मुद्दा पड़ा हुआ था। राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण इसको अमल में नहीं लाया जा सका था। आज हमारे डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी है।