नेशनल डेस्क: देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दोपहर बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा और उन्हें 17 तोपों की सलामी दी जाएगी। अंतिम संस्कार के दौरान सशस्त्र सेनाओं के विभिन्न रैंकों के कुल 800 सैन्यकर्मी मौजूद रहेंगे। जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत तथा 11 अन्य सैनिकों की बुधवार को तमिलनाडु में कुन्नूर के निकट हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। गुरुवार को कन्नूर से यहां लाए जाने के बाद जनरल रावत के पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान तीन काम राजमार्ग पर लोगों के दर्शनार्थ रखा गया है। सेना और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा आम लोग जनरल रावत को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
गुरुवार को दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजीत डोभाल ने पहुंचकर CDS बिपिन रावत समेत सभी वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अपर्ति की। रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी CDS के परिजनों से भी मिले। पालम एयरपोर्ट पर एक-एक कर पार्थिव शरीर बाहर लाए गए। सबसे पहले जनरल विपिन रावत का पार्थिव शरीर बाहर लाया गया, इस मौके पर तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे।
अभी सिर्फ तीन शवों की हुई पहचान
बता दें कि तमिलनाडु में बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 10 अन्य रक्षा कर्मियों की मौत हो गई। वहीं इस हादसे में एक मात्र ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह ही जीवित हैं जो इस समय अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद पूरा देश में शोक में डूब गया। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि अभी तक केवल जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर के पार्थिव शरीरों की पहचान की जा सकी है। उन्होंने कहा कि केवल पहचान किए गए पार्थिव शरीर ही बुधवार को दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को सौंपे जाएंगे। बाकी पार्थिव शरीरों को सेना के बेस हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखा जाएगा।