दोनों दलों ने मांग की थी कि सदन को तुरंत इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए। उन्होंने सरकार द्वारा अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने का विरोध किया।
सरकार ने जोर देकर कहा है कि ऐसे कोई नियम या पूर्वता नहीं हैं, जो सदन के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत विचार करना अनिवार्य बनाते हों।
सरकार ने तर्क दिया है कि नियम कहता है कि प्रस्ताव स्वीकार होने के 10 कार्य दिवसों के भीतर चर्चा के लिए लिया जाना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 26 जुलाई को प्रस्ताव स्वीकार कर लिया