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उड़िया साहित्य के प्रसिद्ध लेखक मनोज दास का 84 साल में निधन, प्रधानमंत्री ने जताया शोक


  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रसिद्ध लेखक और शिक्षाविद मनोज दास के निधन पर शोक जताया और कहा कि अंग्रेजी और उड़िया साहित्य के लिए उन्होंने अमूल्य योगदान दिया.

मोदी ने ट्वीट कर कहा, ”मनोज दास ने खुद को एक जानेमाने शिक्षाविद, लोकप्रिय स्तंभकार और उत्कृष्ट लेकर के रूप में स्थापित किया. उन्होंने अंग्रेजी और उड़िया साहित्य में अमूल्य योगदान दिया. उन्होंने श्री अरविंदों के विचारों को आगे बढ़ाया.”प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर दुख जताते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की.

मनोज दास का मंगलवार को पुडुचेरी के एक अस्पताल में 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए पिछले साल उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. मनोज दास ने बहुत छोटी उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था. नौवीं में ही उनका पहला काव्य संग्रह ‘शताब्दीर आर्त्तनाद’ प्रकाशित हुआ था. उसके बाज मनोज दास ने कहानियां लिखनी भी शुरू की. उनका पहला कहानी संग्रह समुद्रर क्षुधा, 1951 में प्रकाशित हुआ था.