मऊ

आखिर किसकी करामात,बरसात में लगी आग… पुलिस सुरक्षा में जलकर नष्ट हो गया 47करोङ का “सील” बंगला,जनपद की खुफिया एजेंसियां भी संदेह के दायरे में,अधिकारी मौन


आखिर किसकी करामात,बरसात में लगी आग

( ऋषिकेश पाण्डेय)

मऊ।माफिया मुख्तार अंसारी से कनेक्शन के नाम पर प्रशासन ने सिविल लाइन भुजौटी में नेशनल हाइवे पर स्थित ठेकेदार उमेश सिंह के करीब 47करोड़ के जिस बंगले को सील किया था,वह आज आग की भेंट चढ़ गया और उसमें रखे करोङों रूपये के सामान जलकर नष्ट हो गये।गुरूवार को तङके 6.20बजे फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंच कर आग बुझायी।हैरानी वाली बात यह है कि जब इस बंगले को कुर्क किया गया था,तभी इसकी बिजली काट दी गयी थी और तहसीलदार संजीव कुमार यादव को रिसीवर नियुक्त किया गया था।जिन्होंने उक्त बंगले के खुर्द-बुर्द/क्षतिग्रस्त होने की आशंका जताते हुए सरायलखंसी थानाध्यक्ष को चौबीसों घंटे पुलिस की सुरक्षा लगाने का निर्देश देते हुए शिफ्टवार पुलिसकर्मियों की तैनाती करने का अधिकृत पत्र जारी किया था।इसके बावजूद करोड़ों का बंगला जल जाने से पुलिस को सवालों के कटघरे में  खड़ा कर दिया है ।सूत्रों के अनुसार बुधवार को ही उक्त बंगले का ताला टूटने और चोरी की घटना प्रकाश में आयी थी,जिसमें पुलिस मुठभेड़ में मारे गये एक दुर्दान्त माफिया के भाई और एक हेरोइनबाज का भी नाम सामने आया था।हेरोइनबाज को तो पुलिस ने हिरासत में भी लिया था।देर सायं पुलिस ने उक्त मामले में क्या काररवाई की,यह तो किसी पुलिस अधिकारी ने बताना जरूरी नहीं समझा।लेकिन,गुरूवार को उसी मकान में आग लगने और करोड़ों के सामान जलकर नष्ट होने की घटना के बाद आनन-फानन में तमाम जिम्मेदार अधिकारियों का मौके पर मजमा लग गया।लेकिन,वहां भी अधिकारियों ने अपने होठ सिले ही रखे।इस घटना को लेकर जितने मुंह, उतनी बातें सुनने को मिल रहीं हैं ।करोङों रूपये के सील  बंंगले में आग लगने की यह घटना बरसात में आग लगने जैसी है और सब कुछ जल जाने के बाद फायर ब्रिगेड का पहुंचना बरसात में लगी आग को पानी से बुझाने जैसा है।आखिर यह करामात किसकी है? यह सवाल लोगों के मन-मस्तिष्क में कौंध रहा है।जनपद की खुफिया एजेंसियों की कार्य प्रणाली भी संदेह के दायरे में आ गयी है।