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आतंकी संगठनों के खिलाफ झुकने को अपने इतिहास का पाठ्यक्रम न बनने दें’,-अफगान उपराष्ट्रपति


अफगानिस्तान के काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग निकले। इस बीच जहां दुनियाभर में अफगान की आगामी सरकार को लेकर संशय है, वहीं उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने दावा किया है कि एक राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में अब वे ही वैध कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं। अफगानिस्तान में फैली अफरा-तफरी के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने वाले सालेह ने गुरुवार को अपने एक ट्वीट के जरिए फिर पड़ोसी देश पर तंज कसा। सालेह ने कहा कि पाकिस्तान को अपने इतिहास में शर्मसार होने और आतंकी संगठनों के सामने झुकने से जुड़े पाठों को इतिहास की किताबों में जाने से बचाना चाहिए।

अमेरिकी अफसर के ट्वीट पर आया सालेह का तंज: दरअसल, अमेरिका के एक पूर्व अफसर माइकल जॉन्स ने और राजनीतिक विश्लेषक ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात और नेतृत्व को लेकर ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान का संविधान, जिसे 2004 में लागू किया गया, उसमें उन परिस्थितियों में भी सत्ता चलाने का जिक्र किया गया था, जैसी स्थितियां अभी हैं। ऐसे मामलों में प्रथम उपराष्ट्रपति जो कि फिलहाल अमरुल्लाह सालेह हैं, वो राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। जॉन्स ने ट्वीट में लिखा था, “देशों को कानून के राज का सम्मान करना चाहिए, न कि हिंसा का।”